बेस्ट कर्मचारियों की आंदोलन के चलते मुंबईकरों का बुरा हाल
लगातार दूसरे दिन भी जारी रही हड़ताल, बेस्ट की 921 बसें चली ही नहीं
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – वेतन वृद्धि सहित विभिन्न मांगों को लेकर बेस्ट परिवहन के संविदा कर्मचारी लगातार दो दिनों से हड़ताल पर हैं। बुधवार को दो बेस्ट आगार के संविदा कर्मचारियों द्वारा शुरू किए गए विरोध प्रदर्शन में गुरुवार को छह और आगार के कर्मचारी भी शामिल हुए। यह आंदोलन व्यापक होता जा रहा है और आंदोलनकारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। लेकिन इसके चलते 921 बसें डिपो में खड़ी रहीं, इसका नतीजा यह हुआ कि मुंबईकरों को लगातार दो दिनों से बड़ी परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है।
कर्मचारियों ने बेस्ट के बजट को महानगर पालिका के बजट में विलय करने, यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए बेस्ट के सभी बंद बस मार्गों को बहाल करने, रखरखाव और मरम्मत के बाद ही बसें चलाने और कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने जैसी विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया है।
BEST के बेड़े में कुल 3 हजार 82 बसें हैं। जिनमें से 1 हजार 642 बसें पांच ठेकेदारों के माध्यम से लीज पर हैं, बेस्ट के 27 डिपो से लीज पर बसें चलती हैं। BEST से प्रतिदिन लगभग 31 लाख यात्री यात्रा करते हैं। यात्रियों की संख्या के मुकाबले बसों की संख्या कम है। इसके अलावा छह डिपो के संविदा कर्मचारियों के आंदोलन में शामिल होने के कारण यात्रियों को असुविधा हो रही है।
काम रुकने से वर्ली, प्रतीक्षानगर, आणीक, धारावी, देवनार, शिवाजीनगर, घाटकोपर, मुलुंड, मजास, सांताक्रूज, गोराई, मगाठाणे डिपो में बस सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
एसएमटी, मातेश्वरी और टाटा बस सप्लायर्स के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण गुरुवार को सुबह से 11.30 बजे तक डिपो से कुल 1099 बसें नहीं निकलीं। यात्रियों को असुविधा न हो, इसके लिए बेस्ट डिपो से अधिक से अधिक संख्या में स्व-स्वामित्व वाली बसें चला रही है। BEST पहल ने इन व्यापारिक संगठनों को तत्काल समाधान निकालने का आदेश दिया है। साथ ही इस व्यावसायिक संगठन के खिलाफ अनुबंध के नियमों और शर्तों के अनुसार उचित कार्रवाई की जा रही है, ऐसा BEST उपक्रम की ओर से कहा गया है।