महाराष्ट्र के बांधों की स्थिति चिंतजनक, अब तक सभी 32 बांधों का जलस्तर केवल 55 फीसदी ही पहुंचा
पिछले साल की तुलना में अब तक 30% की कमी दर्ज की गई
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : मानसून के आगमन के बाद से एक महीने के भीतर राज्य के 32 प्रमुख बांधों में जल भंडारण दोगुना से अधिक हो गया है। ये बांध फिलहाल 55 फीसदी तक भर चुके हैं, हालाँकि यह आंकड़ा दस साल के औसत से अधिक है, लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में यह लगभग 30 प्रतिशत की कमी है।
केंद्रीय जल आयोग देशभर के 146 प्रमुख बांधों और जलाशयों की निगरानी करता है। इनमें से सबसे ज्यादा 32 बांध महाराष्ट्र में स्थित हैं। 30 जून के अंत तक 146 बांधों में 69 प्रतिशत जल भंडारण था, उस समय राज्य के 32 बांध केवल 21 प्रतिशत ही भरे थे। यह अनुपात अब 55 प्रतिशत हो गया है जो कुछ हद तक संतोषजनक है। आयोग के इस आंकड़े के मुताबिक राज्य के 32 प्रमुख बांधों की कुल क्षमता 1916.60 करोड़ घन मीटर है। पिछले दस वर्षों का जुलाई माह तक का औसत स्टॉक 953.70 करोड़ घन मीटर है। इस साल यह स्टॉक कुल क्षमता का 55 फीसदी यानी 1049.20 करोड़ क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया है। लेकिन पिछले साल जुलाई के अंत में यही आंकड़ा 1457 करोड़ घन मीटर था। जुलाई 2022 के अंत में ये सभी 32 प्रमुख बांध 76 फीसदी क्षमता से भरे थे, लेकिन इस साल ये सिर्फ 55 फीसदी ही भरे हैं।
जल आयोग ने पिछले दस वर्षों के औसत के आधार पर बांधों को 50 से 80 प्रतिशत तक भरे हुए की श्रेणी में रखा है। इस श्रेणी में जहां देश भर में 48 बांध हैं, वहीं राज्य में 20 बांध हैं, जबकि राज्य के छह बांध देश भर के 16 बांधों में से हैं जो 50 प्रतिशत से कम भरे हुए हैं। चार बांध 80 फीसदी से ज्यादा भर चुके हैं। उझनी बांध में तो शून्य प्रतिशत जल भंडारण की चौंकाने वाली स्थिति है। रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र समेत देशभर के नौ राज्यों के बांध क्षेत्रों, जलाशयों में जल भंडारण दस साल के औसत से ऊपर है। इसमें महाराष्ट्र से सटे गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्य भी शामिल हैं।
गोदावरी बेसिन जिसे महाराष्ट्र की ‘गंगा’ जे नाम से भी जाना जाता कहा है और राज्य की ज्यादातर कृषि इसी पर निर्भर है, इतनी बारिश के बावजूद भी 60 प्रतिशत खाली है। गोदावरी बेसिन का 60 प्रतिशत भाग महाराष्ट्र में तथा 40 प्रतिशत भाग तेलंगाना में है। हालाँकि चूंकि जयकवाड़ी बांध भी इसी नदी पर बना है, इसलिए इसका सबसे अधिक फायदा महाराष्ट्र को होता है। इन बेसिनों की क्षमता जहां 1681 करोड़ घन मीटर है, वहीं अब तक इनमें 658.10 करोड़ घन मीटर पानी है। वर्तमान में बेसिन 39.13 प्रतिशत भरा हुआ है, जो दस साल के औसत से तीन प्रतिशत अधिक है। लेकिन पिछले साल जुलाई के अंत तक ये बेसिन 61 प्रतिशत भरे हुए थे।
राज्य के प्रमुख बांधों का जलस्तर इस प्रकार है सूर्या – पालघर – 100 प्रतिशत, खड़कवासला – पुणे – 96 प्रतिशत, तिलारी – कोल्हापुर – 86 प्रतिशत, बारवी – बदलापुर – 85 प्रतिशत, चसकमन – पुणे – 84 प्रतिशत, भंडारदरा – नगर – 83 प्रतिशत।