मौसमी बिमारियों के खतरों और उनके रोकथाम के लिए मुंबई मनपा ने कसी कमर
झुग्गी झोपडीयों और रिहायासी कॉलोनीयों में विशेष टीम करेंगी जाँच। निर्माण साइटों पर भी मनपा की विशेष टीम निरिक्षण कर करेंगी दंडात्मक कार्यवाई
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : मुंबई में लगातार हो रही बारिश और महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुंबई महानगर पालिका ने अपना महामारी विरोधी अभियान तेज कर दिया है। महानगर पालिका ने मुंबई में विभिन्न स्थानों पर निरीक्षण करने का निर्णय लिया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और कीटनाशक विभाग की एक संयुक्त टीम तैनात की गई है और यह टीम मुंबई में इमारतों और बस्तियों में नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करेगी।
मुंबई में पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही है, इसलिए सर्दी-जुकाम और डेंगू जैसी महामारी संबंधी बीमारियों का प्रकोप बढ़ने का डर है। महामारी बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए हाल ही में मुंबई महानगर पालिका के विभागीय अधिकारियों की एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में महानगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग, कीटनाशक विभाग के अधिकारी, प्रशासनिक विभाग कार्यालय से सहायक आयुक्त उपस्थित थे।
इस बैठक में प्रत्येक प्रशासनिक प्रभाग में महामारी संबंधी बीमारियों की समीक्षा की गई। महामारी जैसी बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाने पर भी चर्चा की गई। इस बीच महानगर पालिका के अतिरिक्त आयुक्त सुधाकर शिंदे ने स्वास्थ्य विभाग और कीटनाशक विभाग को मुंबई में विभिन्न स्थानों पर चल रहे निर्माण स्थलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया।
मुंबई में करीब 4000 जगहों पर निर्माण कार्य चल रहा है, इन सभी स्थानों का निरीक्षण किया जाएगा। इनमें मुख्य रूप से लोअर परेल, भायखला, मझगांव, बांद्रा, प्रभादेवी, चेंबूर, अंधेरी, गोरेगांव, विक्रोली शामिल हैं। इस निरीक्षण के दौरान यदि किसी भी नियम का उल्लंघन पाया गया तो संबंधित के विरूद्ध महानगर पालिका अधिनियम 381 के तहत कार्यवाही की जायेगी। इसमें 2 हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक की दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही जनवरी से 15 जुलाई तक विभिन्न स्थानों पर निर्माण कर रहे डेवलपर्स और कॉलोनियों को सात हजार 693 नोटिस दिए गए हैं।
मानसून शुरू होने से पहले ही भवन निर्माण करने वाले डेवलपर्स को उपायों की एक सूची प्रदान की गई थी, इसमें 10 उपाय करने का निर्देश दिया गया थ। इसमें निर्माण स्थल पर मच्छरों को पनपने न देना, पानी जमा न होने देना, श्रमिकों को मच्छरदानी उपलब्ध कराना, 50 से अधिक श्रमिक होने पर नियमित चिकित्सा जांच जैसे उपाय शामिल हैं। ये कदम उठाए गए हैं या नहीं, इसकी जांच महानगर पालिका की विशेष टीम से कराई जाएगी।