जान हथेली पर लेकर पहाड़ियों की ढलान पर रह रहे हैं सैकड़ों परिवार

Spread the love

जान हथेली पर लेकर पहाड़ियों की ढलान पर रह रहे हैं सैकड़ों परिवार

शासन व मनपा प्रशासन के पास ऐसे परिवारों का पुनर्वास करने की कोई ठोस योजना नहीं

भिवंडी – पावर लूम उद्योग नगरी भिवंडी शहर अंतर्गत हजारों गरीब और मजदूर परिवार के लोग गरीबी के कारण ऊंची पहाड़ियों पर झुग्गी झोपड़िया बनाकर अपने परिवार के साथ जान हथेली पर लेकर जीवन बसर करने को मजबूर हैं, जिन पर बरसात के दिनों में भूस्खलन का खतरा बना रहता है। हालांकि भिवंडी मनपा प्रशासन ने पिछले वर्षो में हुए कुछ भूस्खलन को देखते हुए कई घरों को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि सरकार और मनपा प्रशासन के पास ऐसे सैकड़ों परिवारों को स्थापित कर पुनर्वासन करने की कोई ठोस योजना नहीं है। बरसात का समय आने पर मनपा प्रशासन ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को हर वर्ष बरसात में नोटिस देकर वह बैनर लगाकर उन्हें सावधान रहने और झोपड़ियों को खाली कराने के औपचारिकता करता आ रहा है।

गौरतलब हो कि रायगढ़ जिले के इर्षालवाड़ी में भूस्खलन की आपदा ने कई शहरों में पहाड़ी बस्तियों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। भिवंडी शहर के पांच राजस्व गांव पहाड़ी के ढलान पर बसे हैं। इनमें टेमघर, नारपोली, कनेरी, नागांव, चाविन्द्रा गांवों को शामिल किया गया है। भिवंडी शहर के वार्ड समिति नंबर एक में गायत्री नगर, फातमा नगर, गुलजार नगर, नूरी नगर, वार्ड समिति नंबर दो में शास्त्री नगर, वार्ड समिति नंबर तीन में पटेल नगर, अजमेर नगर, फुले नगर नंबर 1, नेहरू नगर और दो, भैया साहेब नगर, अंबेडकर नगर, न्यू प्रकाश नगर, वा-हल देवी नगर, वार्ड समिति नंबर चार में साठे नगर जैसी झुग्गियां पहाड़ी ढलानों पर स्थित हैं। यहां सैकड़ों परिवार जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं। पिछले दिनों अजमेर नगर और गायत्री नगर में झोपड़ियों पर दरारें पड़ने की घटनाएं हो चुकी हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मनपा प्रशासन हर साल मानसून शुरू होने से पहले ऐसी बस्तियों में रहने वाले परिवारों को मकान खाली करने के लिए नोटिस जारी कर जनहानि से बचने के लिए एहतियात बरतता है। लेकिन एक भी परिवार ऐसी खतरनाक जगह से बाहर नहीं निकलता, जबकि बरसात के दिनों में यहां भूस्खलन का खतरा बना रहता है। पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश और इर्षालवाड़ी में हुए हादसे के बाद सवाल ये है कि क्या मनपा प्रशासन ऐसी बस्तियों को पुनर्वासीत करने के लिए कोई कदम उठाएगा? दिलचस्प बात यह है किभिवंडी महानगर पालिका प्रशासन ने वार्ड समिति के माध्यम से ऐसे ढलान वाले क्षेत्रों में रहने वालों को नोटिस जारी किया है और उस क्षेत्र में खतरे की चेतावनी देने वाले बैनर भी लगाए हैं। आश्चर्य की बात है कि महानगरपालिका अपने मुख्य आपातकालीन कक्ष से इस बात की जानकारी नहीं दे पाई कि ऐसे खतरनाक क्षेत्रों में कितने परिवार रहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Right Menu Icon