प्रधानमंत्री और भाजपा बिना स्वार्थ के कुछ नहीं करते। समान नागरिक कानून लाने से पहले, मणिपुर की हिंसा को शांत करने पर ध्यान दे केंद्र सरकार – संजय राऊत
सांसद संजय राऊत ने मणिपुर हिंसा को लेकर साधा प्रधानमंत्री पर निशाना, कहा संसद में नहीं, संसद के बाहर प्रीतिक्रिया व्यक्त करते है मोदी
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट के राजयसभा सांसद संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री पिछले 70 दिनों से सुलग रहे मणिपुर को शांत नहीं कर पा रहे हैं और यहां बैठकर दुनिया की समस्याएं सुलझाना चाहते हैं, उनके भक्त उन्हें विश्वगुरु कहते हैं। मै केवल उनसे इतना कहना चाहता हूँ कि पहले जलते हुए मणिपुर को शांत करें, मणिपुर का मामला बेहद गंभीर है। ब्रिटिश संसद में मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा हुई, लेकिन अगर प्रधानमंत्री उसी मुद्दे पर हमारी संसद में चर्चा नहीं करने देते हैं, तो यह हमारे लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक घंटी है।
दो महीने बाद भी मणिपुर राज्य सुलग रहा है, दो समुदायों के बीच चल रहे विवाद के चलते पूरा राज्य हिंसा की चपेट में है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के बावजूद केंद्र सरकार मणिपुर को मनाने में सफल नहीं हो पाई है। इसी पृष्ठभूमि में शिवसेना सांसद संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा जब मणिपुर की महिला के नग्न घुमाये जाने के मामले पर संसद में चर्चा चल रही है, तब प्रधानमंत्री मोदी संसद के बाहर प्रतिक्रिया देते हैं। इसका मतलब है कि वे संसद का सम्मान नहीं करते। जब अडानी पर चर्चा नहीं होती, जब मणिपुर पर चर्चा नहीं होती, जब बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पर चर्चा नहीं होती है, तो नए संसद की क्या जरुरत है? तो आप कैसे प्रधानमंत्री हैं? संसद है तो आप प्रधानमंत्री हैं.. मणिपुर देश का ही हिस्सा है, मणिपुर के लोग इसी देश के नागरिक हैं। मणिपुर की एक महिला को नग्न अवस्था में सड़क पर खींचकर मारा जा रहा है, यह देश के 140 करोड़ लोगों के लिए बेहद निंदनीय और गहरे चिंता का विषय है। संजय राउत ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा आपकी सरकार समान नागरिक कानून ला रही हैं। लेकिन सबसे पहले मणिपुर में कानून-व्यवस्था का ख्याल रखें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर कदम में उनका राजनीतिक हित है, प्रधानमंत्री और भाजपा बिना स्वार्थ के कुछ नहीं करते हैं। यह तों आने वाला समय ही बताएगा कि इनका क्या स्वार्थ है। लेकिन जब संसद का सत्र चल रहा होता है तो मोदी मणिपुर मुद्दे पर संसद के बजाय संसद के बाहर बात करते हैं। संसद में अडानी पर चर्चा नहीं होती, मणिपुर पर चर्चा नहीं होती, भ्रष्टाचार पर चर्चा नहीं होती, तो उन्हें नया संसद भवन क्यों चाहिए? संजय राऊत ने चिंताजनक सवाल पूछते हुए शाब्दिक प्रहार किया।