अजित पवार को चाचा शरद पवार का मुंहतोड़ जवाब
राकांपा की कार्यकारिणी बैठक में अनुपस्थित रहने वाले 12 विधायकों को कारण बताओ नोटिस। अगले 48 घंटों में जवाब देने का अल्टीमेटम
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – राज्य की राजनीती में भतीजे अजित पवार के विद्रोह के चलते घायल हुए चाचा शरद पवार अब अपनी पार्टी राकांपा के पुनरुद्धार के लिए जी जान से जुट गये हैं। इसी कड़ी में अपने पहले प्रभावशाली कदम के रूप में शरद पवार ने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं तक पहुंच बनाने के लिए राकांपा के युवा कार्यकर्ताओं के साथ एक मैराथन बैठक की है। इस बैठक में शरद पवार ने कार्यकर्ताओं को पार्टी की विचारधारा का पाठ पढ़ाया, जिसमें भाजपा की विभाजनकारी राजनीती का विरोध करने पर जोर दिया गया।
शरद पवार ने राकांपा के कैडरों से सामवेशिता, समानता, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों को बचाये रखने की अपील की। उन्होंने युवा कैडरों से पार्टी की स्थापना और राकांपा की यात्रा में सराहनीय कार्य करने वाले पार्टी के वर्तमान और पूर्व पदाधिकारियों से संपर्क करने का आवाहन किया। पवार ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को पूर्व और वर्तमान पदाधिकारियों के साथ बातचीत बढ़ानी चाहिए और 1999 में पार्टी की स्थापना के बाद से पार्टी की यात्रा में उनके बहुमूल्य योगदान को पहचानना चाहिए। राकांपा की कार्यकारी अध्यक्ष सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि कार्यकर्ताओं को राज्यभर का व्यापक दौरा करना चाहिए।
इस बीच कड़ा कदम उठाते हुए शरद पवार द्वारा नियुक्त पार्टी के मुख्य सचेतक जितेन्द्र आव्हाड़ ने अजित पवार के उपमुख्यमंत्री के रूप में सपथ लेने के तीन दिन बाद 5 जुलाई को शरद पवार की अध्यक्षता में हुईं पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं होने पर अजित पवार गुट के 12 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उन्हें 48 घंटों के भीतर अपना जवाब देने को कहा है।
जिन 12 विधायकों को नोटिस भेजा गया है उनमें सुनील शेलके, दीपक बनकर, नितीन पवार, दीपक चव्हाण, इंद्रनिल नाईक, यशवंत माने, शेखर निकम, राजू कारेमोरे, मनोहर चन्द्रिकापुरे, संग्राम जगताप, राजेश पाटिल और मानिकराव कोकाटे शामिल हैं। यह सभी 12 विधायक अजित पवार के साथ सपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। शरद पवार ने पहले ही अजित पवार समेत 9 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाई शुरू कर दी है, जिन्होंने 2 जुलाई को मंत्रिपद की शपथ ली थी।
शरद पवार गुट के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि जिन 12 विधायकों को नोटिस दिया गया है, उनकी पार्टी विरोधी गगीविधियों पर विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को एक पत्र भी भेजा जायेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक राकांपा के 53 विधायकों में से 35 से ज्यादा विधायक अजित पवार को समर्थन दे चुके हैं। हालांकि अजित पवार गुट के प्रफुल्ल पटेल ने 45 विधायकों के समर्थन का दावा किया है।