मवीआ बचाने के चक्कर में कहीं टूट न जाये कांग्रेस!
नेता प्रतिपक्ष के लिए कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे ने उठायी मांग। पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिख अपने बारे में सोचने को कहा
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में हुईं बगावत और टूट के चलते विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को लेकर कांग्रेस के विधायक ने दावेदारी पेश कर दी है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि नेता प्रतिपक्ष रहे राकांपा नेता अजित पवार पार्टी से बगावत करते हुए सरकार में शामिल हो गये हैं और अब राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं, जो पहले नेता प्रतिपक्ष हुआ करते थे। इसके बाद शरद पवार गुट ने यह जिम्मेदारी विधायक जितेंद्र आव्हाड़ को सौंपी है। अजित पवार गुटवका दावा है कि पार्टी के अधिकांश विधायक उनके साथ हैं, और उन्होंने तक़रीबन 40 विधायकों का हालफनामा होने का दावा भी किया है। उसके बाद विपक्षी दलों में केवल कांग्रेस के पास ही सबसे अधिक संख्याबल है। कांग्रेस ने भले ही इस पद के लिए अपना दावा नहीं पेश किया है, लेकिन पार्टी के एक विधायक ने दावेदारी पेश कर दी है।
पुणे जिले के भोर विधानसभा क्षेत्र से विधायक संग्राम थोपटे ने नेता प्रतिपक्ष पद की मांग कर दी है। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें नेता प्रतिपक्ष के लिए अपने नाम पर विचार करने की बता कहीं है।
थोपटे ने विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत से ठीक पहलें इस पद की मांग कर दी है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि मवीआ सरकार के दौरान स्पीकर पद के लिए उनके नाम पर मुहर लग गई थी,लेकिन तब अजित पवार ने उनका जमकर विरोध किया था। हालांकि अब वे राकांपा के साथ नहीं हैं, ऐसे में पुणे की राजनीती को ध्यान में रखते हुए मैं इस अवसर का लाभ उठाना चाहता हूं। संग्राम थोपटे ने अपना बायोडाटा भी पार्टी अध्यक्ष को भेजा है।
बतादें कि महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 286 सीटें हैं। भाजपा के पास सबसे अधिक 105 विधायकों की संख्या है। शिवसेना में बगावत के बाद दो फाड़ हो गये जिनमें एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर 40 विधायकों ने भाजपा के समर्थन से सरकार बना ली। सरकार को अन्य 20 विधायकों का समर्थन भी मिला है। राकांपा से बगावत कर सरकार में शामिल हुए अजित पवार के साथ अब तक 24 विधायक जुड़े हैं। इसके साथ ही सत्ता पक्ष के पास अब 189 विधायकों का समर्थन है, जो बहुमत से अधिक है।
विपक्ष की बात करें तों 44 विधायकों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। उद्धव गुट के पास केवल 15 विधायक बचे हैं, जबकि शरद पवार खेमे में महज 14 विधायक शेष हैं। राकांपा के 15 विधायकों का स्टैंड अभी तक क्लियर नहीं है।