साल भर के भीतर महाराष्ट्र में फिर से बड़ा उलटफेर, शिवसेना के बाद राकांपा में पड़ी फूट 

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साल भर के भीतर महाराष्ट्र में फिर से बड़ा उलटफेर, शिवसेना के बाद राकांपा में पड़ी फूट 

महाराष्ट्र सरकार के पांच साल के कार्यकाल में तीसरी बार उपमुख्यमंत्री बने अजित पवार। अन्य 8 बागी विधायकों ने ली मन्त्रीपद की सपथ

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – महाराष्ट्र की राजनीती में रविवार को एक और बड़ा उलटफेर देखने को मिला। लम्बे समय से चली आ रही बगावत की आशंका हकीकत में बदल गई जब राकांपा नेता और राज्य के नेता प्रतिपक्ष रहे अजित पवार ने पार्टी में बगावत का बिगुल फूँक दिया। सब कुछ इतना जल्दी हुआ की बड़े – बड़े राजनितिक धुरंधर भी महज तमाशबीन बन देखते रह गये। एक छोटी सी बैठक उसके बाद सीधा राजभवन में सपथ विधि कार्यक्रम। अजित पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की सपथ ली और उनके सहयोगी अन्य 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ लें ली।

राकांपा नेता और ईडी की रडार पर चल रहे हसन मुश्रीफ ने मन्त्रीपद की शपथ ली, वह कोल्हापुर से राकांपा के मौजूदा विधायक हैं। इसके अलावा दिलीपराव दत्तात्रेय वलसे – पाटिल और धनंजय मुंडे ने भी मन्त्रीपद की शपथ ली। धर्मराव आबा आत्रम, अदिति तटकरे, अनिल भाईदास और संजय बनसोडे ने भी मन्त्रीपद का शपथ ग्रहण किया।

महाराष्ट्र में शिवसेना में हुईं बगावत के बाद महाविकास अघाड़ी सरकार गिरने के बाद साल भर में यह दूसरा बड़ा झटका है। राकांपा में हुईं इस बगावत से उद्धव ठाकरे गुट को भी तगड़ा झटका लगा है। बताया जा रहा है कि 23 जून को पटना में हुईं विपक्षी दलों की एकजुटता वाली बैठक में शरद पवार का जाना और राहुल गाँधी के साथ मंच साझा करना राकांपा नेताओं को नागवार गुजरा है। इसी से नाराज विधायेकों ने अजित पवार का साथ देने का मन बना लिया, हालांकि इसकी भूमिका मवीआ सरकार गिरने के बाद से ही बनाई जाने लगी थी।

राकांपा में बगावत कर अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ विधि के बाद शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राऊत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य की जनता इस गेम को लम्बे समय तक बर्दाश्त नहीं करेगी। अजित पवार की इस बगावत के बाद महाविकास अघाड़ी महासंकट में नजर आने लगी है। गौर करने वाली बात है कि अजित पवार एक ही कार्यकाल में तीसरी बार उपमुख्यमंत्री बने थे। पहली बार उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ ली थी, दूसरी बार वह महाविकास अघाड़ी सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे और अब तीसरी बार नेता प्रतिपक्ष से सीधा उपमुख्यमंत्री बन गये हैं।

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