विधानसभा में विपक्ष का नेता नहीं रहना, पार्टी संगठन में काम करने की इच्छा – अजित पवार
पार्टी के 24वें स्थापना दिवस पर अजित पवार ने तोड़ी चुप्पी। पार्टी को अकेले चुनाव लड़ने की नसीहत देते हुए कहा ममता, केजरीवाल से बड़े नेता हैं शरद पवार
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और राकांपा नेता अजित पवार ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और नीतीश कुमार से बड़े नेता हैं। यह बात उन्होंने राकांपा के 24वें स्थापना दिवस के मौके पर मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में कही। इस दौरान शरद पवार, सुप्रिया सुले और छगन भुजबल समेत कई बड़े नेता मौजूद थे।
अजित पवार ने यह भी कहा कि उन्हें विधानसभा में विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाए और संगठन में कोई जिम्मेदारी दी जाए। अजित पवार ने कहा कि मुझसे कहा गया है कि विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर मैं सख्त व्यवहार नहीं करता हूं। दरअसल मैं कभी लीडर ऑफ अपोजीशन बनना ही नहीं चाहता था, लेकिन विधायकों की मांग पर पद स्वीकार कर लिया था।
उन्होंने पार्टी लीडरशिप से कहा कि मुझे पार्टी संगठन में कोई भी पोस्ट दे दीजिए। मैं उस पोस्ट के साथ पूरा न्याय करूंगा। ज्ञात हो कि अजित पवार को पिछले साल उद्धव सरकार गिरने के बाद विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया था।
अजित पवार ने आगे कहा कि अगर ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, जगन मोहन रेड्डी और के.चंद्रशेखर राव अपने दम पर राज्यों में सरकार बना सकते हैं तो शरद पवार तो इन सबसे बड़े नेता हैं। ऐसे में राकांपा अपने दम पर महाराष्ट्र जीतने की दिशा में काम क्यों नहीं कर सकती। उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिरीक्षण जरूरी है। अगर जरूरी हो तो बदलाव भी किए जाने चाहिए।
अजित पवार ने कार्यक्रम में कहा कि चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी को नजरअंदाज नहीं कर सकते। 2019 में वंचित बहुजन अघाड़ी ने कांग्रेस-राकांपा के गठबंधन को नुकसान पहुंचाया था। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि एक सोच वाली पार्टियों के बीच वोटों का बंटवारा न हो।