क्या शिंदे की कमी पूरी कर पायेगी मनसे ?
शिंदे सेना के फेल होने पर 2024 में विकल्प की तैयारी में जुटी भाजपा। मनसे, मराठी और संस्कृति पर दाँव लगाने का प्रयास कर रहा शीर्ष नेतृत्व
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – महाराष्ट्र की राजनीती में नेताओं की मुलाक़ात एक नये संबंध को उजागर कर रही है। इसी कड़ी में भाजपा – महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का समर्थन हासिल करने पर विचार कर रही है। इसी दौरान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने हाल ही में मुलाक़ात की। यह मुलाक़ात महाराष्ट्र की राजनीती में नये बदलाव के संकेत दे रही है। भाजपा के भीतर मनसे का समर्थन हासिल करने की विचारधारा बढ़ती नजर आ रही है। मनसे का मुख्य ध्येय मराठी भाषा, संस्कृति और महाराष्ट्रीय अहमियत की रक्षा करना है। यह संगठन भाजपा के नेतृत्व में एनडीए के समर्थन में आवाज बुलंद करने के लिए एक माध्यम के रूप में उभर रहा है।
फडणवीस और राज ठाकरे की मुलाक़ात 2024 में एनडीए को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इसके अलावा इस मुलाक़ात को महाराष्ट्र की मौजूदा सियासत में एक बड़े बदलाव के तौर पर भी देखा जा रहा है। दोनों नेताओं की इस मुलाक़ात को राजनितिक हलकों में अलग – अलग कयास लगा कर देखा जा रहा है। मौजूदा वक्त में जिस तरह का समीकरण और इन मुलाक़ातों की जरुरत सामने आ रही है, उससे केवल यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि एनडीए राज्य में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए प्रयास रत है।
भाजपा के अंदर इस नये गठबंधन को लेकर चर्चाएं शुरू हैं, और पार्टी नेताओं का मानना है कि मनसे – एनडीए को विपक्षी नेताओं के खिलाफ वातावरण तैयार करने में कारगर साबित हो सकता है। इसके अलावा राज ठाकरे की मौजूदगी एनडीए को मराठी भाषा और संस्कृति के पक्ष में जोड़कर मराठी वोट हासिल करने में सहायता कर सकती है।
यह तथ्य इस बात की ओर इशारा करता है कि महाराष्ट्र की राजनितिक लड़ाई में एक नया मोड़ आने वाला है। भाजपा नेताओं और सालाहकारों के बीच यह चर्चाएं जारी हैं और जल्द ही इस मुद्दे पर निर्णय लिया जायेगा। भाजपा के भीतर उन नेताओं की सहमति को ध्यान में रखते हुए, भाजपा इस मुद्दे पर एक विचारधारा तैयार करने की कोशिश कर रही है, जो राज्य की राजनीती में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।