भाजपा छोड़ने की तैयारी में पंकजा मुंडे, कांग्रेस ने दिया ऑफर
एक कार्यक्रम में कहा, अमित शाह से मुलाक़ात कर अपनी शिकायतों पर बात करूंगी, फिर लुंगी फैसला। लम्बे समय से फडणवीस समेत कई वरिष्ठ नेताओं से चल रही हैं नाराज
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – भाजपा की सीनियर नेता पंकजा मुंडे के राजनैतिक करियर को लेकर कई तरह की अटकलें लग रही हैं। इसी बीच अब पंकजा मुंडे ने सार्वजानिक तौर पर यह ऐलान किया है कि वे अपने भविष्य को लेकर कोई फैसला लेने से पहले पार्टी नेतृत्व के सामने अपनी शिकायतें रखेंगी। पंकजा मुंडे ने अपने पिता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री स्व. गोपीनाथ मुंडे के पुण्यतिथि के अवसर पर उक्त बयान दिया। उन्होंने यह भी कहा कि मेरे बारे में जो भ्रम पैदा किया जा रहा है, उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूँ। मैं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को अपना नेता मानती हूँ, और मेरे मन में जो भी शिकायतें हैं उसपर मैं उनसे मिलकर बात करुँगी।
पंकजा मुंडे ने उन अफवाहों पर भी विराम लगाया जिसमें उनके अन्य दलों के संपर्क में होने की चर्चाएं चल रही हैं। पंकजा ने कहा कि मुझे किसी से कुछ छिपाने की जरुरत नहीं है, मैं जो भी करुँगी खुलकर करुँगी। मैं अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के समक्ष अपनी शिकायतें रखूंगी और उनसे मेरा केवल एक सवाल होगा कि उनके मन में मेरे लिए क्या है? मेरे लोगों को यह जानकारी होनी जरुरी है, उसके बाद मैं जो भी फैसला करुँगी उसकी जानकारी सार्वजानिक की जाएगी। इस बीच पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और पार्टी विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात ने कहा कि पंकजा ताई के लिए कांग्रेस के दरवाजे हमेशा खुले हैं, अन्य दल भी उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं।
ज्ञात हो कि 3 जून 2014 को एक कार दुर्घटना में गोपीनाथ मुंडे की मृत्यु हो गई थी। पंकजा मुंडे उनकी बड़ी बेटी और राजनितिक उत्तराधिकारी हैं। पिछले काफ़ी समय से उनका देवेंद्र फडणवीस के साथ राजनितिक संघर्ष चल रहा है। पंकजा मुंडे 2019 में बिड़ के परली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव हार गई थी, इसे लेकर उन्होंने भाजपा में अपने विरोधियों पर जमकर निशाना साधा था। पंकजा विधान परिषद के लिए नामांकन की उम्मीद कर रही थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया।
पंकजा अपनी बहन और बिड़ से लोकसभा सांसद प्रीतम मुंडे के लिए भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री पद की बाट जोह रही थी, परन्तु मंत्रिमंडल के पिछले विस्तार के दौरान भी बात नहीं बन पायी। उन्हीं के जिले के ओबीसी नेता भागवत कराड को केंद्रीय मंत्री बनाया गया। एक साल पहलें एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर भाजपा ने महाराष्ट्र की सत्ता में वापसी की, तब भी पंकजा मुंडे को कोई तवज्जो नहीं दी गई। इस पर पंकजा ने कहा कि चुनाव तो कई लोग हार गए थे लेकिन उन्हें मौका दिया गया, दो दर्जन लोगों को विधायक और सांसद बनाया गया, तो मुझे क्यों नहीं? मैं किसी से भीख नहीं मांगूंगी।
ज़ब साल 2014 – 2019 की देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र में भाजपा सरकार थी, तब पंकजा मुंडे को ग्राम विकास और महिला एवं बालकल्याण मंत्रालय दिया गया था। हालांकि 2019 के विधानसभा चुनाव में वे अपने चचेरे भाई और राकांपा नेता धनंजय मुंडे के हाथों चुनाव हार गई थी। इसके बाद से ही उन्होंने पार्टी कार्यक्रमों से दुरी बनाये रखी। उनकी कुछ टिप्पणीयों में पार्टी के प्रति उनकी नाराजगी साफ देखने को मिली है।