पीएमओ का उपसचिव बता कर ठगी करने वाला जलगांव का ठग गिरफ्तार

Spread the love

पीएमओ का उपसचिव बता कर ठगी करने वाला जलगांव का ठग गिरफ्तार

पुणे में एक एनजीओ के कार्यक्रम के दौरान खुली पोल। आरोपी पर पहले भी इसी तरह की ठगी के मामले दर्ज, पुणे पुलिस जाँच में जुटी

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – पुणे पुलिस ने जलगांव में रहने वाले एक शख्स को अरेस्ट किया है, जो खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का उप सचिव बताकर सरकारी कार्यक्रमों में शामिल हुआ करता था। ज्ञात हो कि ऐसा ही एक मामला गुजरात में सामने आया था। वहां किरण पटेल नाम का महाठग पकड़ा गया था जो खुद को PMO का अफसर बताकर सरकारी सुविधाओं का फायदा उठाता था।

पुणे में अरेस्ट किया गया फर्जी IAS अधिकारी खुद का नाम डॉ. विनय देव बताता था जबकि उसका असली नाम वासुदेव निवृत्ति तायडे है जिसकी उम्र 54 वर्ष है। तायडे मूल रूप से महाराष्ट्र के जलगांव का रहने वाला है। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो सका है कि वह ऐसा क्यों करता था। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है।

महाराष्ट्र पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, हाल ही में पुणे के NGO बॉर्डरलेस वर्ल्ड फाउंडेशन के कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर पहुंचाने के लिए एंबुलेंस का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया था। तायडे भी इस कार्यक्रम में सरकारी मेहमान बनकर पहुंचा था। इस दौरान भी उसने वहां मौजूद लोगों को बताया था कि वह प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव है और पीएमो के कई तरह के सीक्रेट काम कर रहा है।

हालांकि, कार्यक्रम के आयोजकों सुहास कदम, वीरेन शाह ने जब उससे कुछ सवाल पूछे तो तायडे के जवाब सुनकर उन्हें कुछ शक हुआ। वीरेन शाह ने इसकी शिकायत पुलिस को दी। पुलिस के आने तक तायडे कार्यक्रम से जा चुका था, लेकिन उसका मोबाइल नंबर पुलिस को मिल गया।

पुलिस ने उक्त मोबाइल नंबर के पिछले रिकॉर्ड खंगाले तो फोन की लोकेशन अधिकतर जलगांव के तालेगांव में मिली। इसके बाद पुणे क्राइम ब्रांच की टीम ने तलेगांव स्थित तायडे के घर से उसे गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि 54 वर्षीय तायडे के पास बी कॉम और एमए की डिग्रियां हैं। वह फर्जी अफसर बनकर ठगी करता था। जांच में यह भी पता चला है कि साल 2000 में धुले पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। इस दौरान भी उसके खिलाफ खुद को फर्जी अफसर बताने का मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने उसके पुराने रिकार्ड की जांच शुरू कर दी है, ताकि मालूम किया जा सके कि उसने किस-किस को ठगा है।

आरोपी तायडे इंग्लिश-हिंदी और मराठी समेत कई भाषाओं का जानकार भी है। उसकी बॉडी लैंग्वेज भी अफसरों जैसी है। फर्राटेदार इंग्लिश बोलने से भी लोग उस पर यकीन कर लेते थे। पुलिस जांच में जुटी है कि वह सरकारी कार्यक्रमों में क्यों शामिल होता था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Right Menu Icon