मराठाओं को आरक्षण देने से तो भगवान भी नहीं रोक सकता, तो सरकार क्या चीज है – छगन भुजबल
मनोज जरांगे पर छगन भुजबल का पलटवार, व्यंगात्मक टिप्पणी कर कहा सरकार को तुरंत सभी शर्ते मानकर जीआर पास करना चाहिए
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – हमें उन नए और उन्नत विचारों का सम्मान करना होगा जो हर दिन मनोज जारांगे के दिमाग में आते हैं, उनकी सभी मांगें तर्क और कानून का पालन करने वाली हैं। इसलिए राज्य सरकार को मनोज जारांगे से बातचीत किए बिना सीधे मराठा आरक्षण के लिए जीआर जारी करना चाहिए। इतना ही नहीं, मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल को जालना जाकर मनोज जारांगे से मिलने के बजाय दो-चार मंत्रियों के लिए स्थायी बंगले और अंतरवाली गांव में मुख्य सचिव के लिए एक कार्यालय शुरू करना चाहिए। छगन भुजबल ने कहा कि अगर मनोज जारांगे के दिमाग से कोई इनोवेटिव आइडिया निकलता है तो मुख्य सचिव तुरंत ऐसे जीआर पर हस्ताक्षर कर जारी कर सकते हैं। वह शुक्रवार को मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। इस पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान छगन भुजबल ने व्यंग्यात्मक शैली का इस्तेमाल करते हुए प्रभावी ढंग से मनोज जारांगे पर निशाना साधा। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भुजबल ने कई व्यंग्यात्मक बयान दिए जैसे, ‘हमें जरांगे की मांगें मान लेनी चाहिए’, ‘जरांगे ने सरकार पर नहीं बल्कि सरकार ने ही जरांगे पर कब्जा कर लिया है’, ‘अब अगली बैठक में मैं भी जरांगे के पक्ष में बोलूंगा’ इत्यादि।
छगन भुजबल के इस रवैये से कुछ देर के लिए पत्रकार भी असमंजस में पड़ गए, लेकिन छगन भुजबल अंत तक मनोज जारांगे और उनकी मांगों की आलोचना करते रहे। भुजबल की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस फिलहाल राजनीतिक गलियारे में खूब चर्चा में है। मैं मनोज जरांगे की मांगों का पूरा समर्थन करता हूं, उनके मुताबिक हमें सभी को आरक्षण देना चाहिए। इसलिए मनोज जरांगे के साथ काम करने वालों को भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए, नहीं तो वे मोर्चा लेकर आएंगे। छगन भुजबल ने कहा कि राज्य सरकार को बातचीत में समय बर्बाद किए बिना जरांगे से डर कर तुरंत जीआर जारी करना चाहिए।
जरांगे पाटिल ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मराठा समुदाय को ओबीसी में से आरक्षण देने की मांग दोहराई, मराठा समुदाय के लिए आरक्षण पाना मुश्किल नहीं है क्योंकि मराठा समाज के कुनबी अभिलेख के साक्ष्य मिले हैं। मराठा समाज ओबीसी आरक्षण में जाएगा, चाहे ईश्वर भी हस्तक्षेप कर दे, मराठों को ओबीसी आरक्षण में जाने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा अगर आप सीमा बढ़ाना चाहते हैं तो पहले मराठा समुदाय को ओबीसी में शामिल करें और फिर आरक्षण की सीमा जितनी चाहें उतनी बढ़ा दें।
जब हम अनशन पर थे तो सरकार के मंत्री और अधिकारी हमसे बात करने आए थे, उन्होंने जो अपने हाथों से लिखा था उसे पूरा करना चाहिए, कल भी वे वह कागज लेकर आए थे और हमने उनसे वही कागज खुलवाया और उसे पढ़ा और वही वायदे पूरा करने का हमने उनसे अनुरोध किया है। इसलिए सरकार को अपना वादा पूरा करना चाहिए और मराठा समुदाय को आरक्षण देना चाहिए, ऐसा मनोज जरांगे पाटिल ने कहा।
मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे से आरक्षण दिलाने की मांग उठ रही है। मराठा युवा अब कोई काम नहीं कर रहा है उसके पास कोई नौकरी नहीं है इसलिए उसे आरक्षण की जरूरत है। अब सभी पार्टियों के मराठा विधायकों को मराठा आरक्षण के लिए प्रयास करना चाहिए। इस आंदोलन के साथ खड़े रहें अन्यथा, मनोज जरांगे पाटिल ने चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य मेंआप वोट मांगने के लिए हमारे पास ही आएंगे।