ऑनलाइन कर्ज लेने वाली युवती का अश्लील वीडियो वायरल, युवती ने ट्रेन से कूदकर की थी आत्महत्या
ठाणे रेल पुलिस ने 5 महीने बाद सुलझायी आत्महत्या की गुत्थी। दो आरोपियों को क्रमशः पंजाब और असम से किया गिरफ्तार, मुख्य अभियुक्त की तलाश जारी
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
ठाणे – ठाणे रेल पुलिस ने हाल ही में दिवा स्टेशन पर ट्रेन से कूदकर एक युवती की आत्महत्या के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। मृतक युवती ने एक कंपनी से ऑनलाइन लोन लिया था, जिसकी वसूली के लिए दोनों ने महिला की फोटो से छेड़छाड़ कर अश्लील वीडियो बनाकर उसके रिश्तेदारों को भेज दिया था। इसी बदनामी के चलते महिला द्वारा आत्महत्या करने की बात का पुलिस जाँच में खुलासा हुआ।
गिरफ्तार किए गए दोनों अभियुक्तों की पहचान शंकर हाजोंग – 29 और प्रसन्नजीत हाजोंग – 32 के रूप में हुई है। पुलिस ने इन्हें पंजाब और असम से हिरासत में लिया है। 34 साल की एक महिला दिवा इलाके में अपने माता-पिता के साथ रहती थी और वह डोंबिवली स्थित एक कंपनी में काम करती थी। उसने 6 जुलाई को दिवा रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन से कूदकर आत्महत्या कर ली। उसके पिता की शिकायत के आधार पर रेल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। उन्हें संदेह था कि उसने एक निजी वित्तीय संस्थान से ऑनलाइन ऋण लिया था और यही उसकी आत्महत्या का कारण हो सकता है। उसके आधार पर ठाणे रेल पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक पंढरीनाथ कांडे की टीम ने साइबर अपराध जांच सेल की मदद से मामले की जांच शुरू की। पुलिस पिछले चार महीने से इस अपराध की जांच में जुटी हुईं थी।
वह शेयर बाजार में निवेश करना चाहती थी, इसके लिए उसने जून महीने में एक लोन प्रोवाइडर ऐप के जरिए 21 हजार रुपये का लोन लिया था। यह कर्ज उसे सात दिन के अंदर ब्याज समेत चुकाना था, लेकिन वह पैसे नहीं दे पाई। इसलिए लोन देने वाली कंपनी के कर्मचारीयों ने उससे बार-बार संपर्क किया और व्याज समेत कर्ज नहीं चुकाने पर उन्होंने उसकी अश्लील तस्वीरें उसके रिश्तेदारों को भेजने की भी धमकी दी। कुछ दिन बाद कर्मचारियों ने लड़की की फोटो के साथ छेड़छाड़ कर उसका अश्लील वीडियो बना लिया और उसके रिश्तेदारों को भेज दिया। इस बदनामी को सहन न कर पाने के कारण जांच में पता चला कि उसने 6 जुलाई को दिवा रेलवे स्टेशन के पास चलती ट्रेन से कूदकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद पुलिस ने तकनीकी विश्लेषण के आधार पर जांच शुरू की और उन्हें बदनाम करने वाले कंपनी के दो अधिकारियों का पता चला। पुलिस को जानकारी मिली कि शंकर असम का जबकि प्रसन्नजीत पंजाब का रहने वाला है। पुलिस ने वहां जाकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में दोनों ने जुर्म कबूल कर लिया जबकि मुख्य आरोपी की तलाश जारी है।
लोन देने से पहले संबंधित कंपनियां कर्जदारों से उनके दस्तावेज, तस्वीरें मांगती हैं, और लोन देने के बाद कंपनी के कर्मचारियों द्वारा लोन जमा करने का दबाव डाला जाता है साथ ही दुर्व्यवहार भी किया जाता है। कुछ दिन बाद फिर संबंधित कंपनी के कर्मचारी कर्जदार की फोटो भेजकर परेशान करते हैं और धमकाते हैं। साथ ही ये फोटो उनके डेली कॉन्टैक्ट्स को भी भेजी जाती है। इसी बदनामी के डर के चलते आत्महत्या के मामलों में वृद्धि देखी गई है।