महायुति में राज्य के 15 सांसदों पर लटकी लोकसभा सीट गंवाने की तलवार
बढ़ती बारगेनिंग पावर के बल पर भाजपा 32 सीटों पर उतारेगी उम्मेदवार। शिंदे गुट को 10 और अजित पवार गुट को केवल 6 सीटें देने का मसौदा तैयार
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – राज्य में महायुति के बीच लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर बात आगे बढ़ने लगी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार से सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर बात की, इस दौरान अमित शाह ने भाजपा के 32 सीटों पर लड़ने की बात कही। इसके आलावा एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 10 सीटों का ऑफर दिया है, जबकि शिंदे सेना उन 13 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है जहां उनके विद्यमान सांसद हैं। ऐसे में चर्चा है कि राज्य के कुल 15 सांसदों का भविष्य दांव पर लग सकता है, जो मुंबई से अमरावती की सीटों पर विद्यमान हैं।
इसकी मुख्य वजह है कि शिवसेना की कई सीटें भाजपा के खाते में जा सकती हैं। जबकि भाजपा की कुछ सीटें शिंदे गुट और अजित पवार गुट को मिल सकती हैं। ऐसे में विद्यमान सांसदों का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है। सूत्रों की माने तो ज्यादातर शिंदे गुट के सांसदों पर तलवार लटकती दिखाई पड़ रही है। अभी तक शिंदे गुट 22 सीटों की मांग कर रहा था, लेकिन अब खुद ही 13 सीटों पर सहमति जता दी है हालांकि भाजपा केवल 10 सीटें देने के मुड़ में है। इसके अलावा महायुति में शामिल अजित पवार गुट 8 सीटों पर दावा ठोंक रहा था, जबकि अब 4 सीटों पर सहमति बन गई है।
दरअसल भाजपा ने 2019 के आम चुनावों में अविभाजित शिवसेना के साथ गठबंधन में 25 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से 23 पर जीत हासिल की थी। और शिवसेना ने 23 सीटों पर चुनाव लड़कर 18 पर जीत हासिल की थी। हालांकि भाजपा ने पिछले पांच सालों में अपनी बारगेनिंग पावर बढ़ा ली है। शिवसेना अब दो हिस्सों में बंट चुकी है, जबकि राकांपा में भी पहले जैसी एकजुटता वाली पावर नहीं बची है। ऐसे में भाजपा चाहती है कि वह महायुति में वरिष्ठ पार्टी के तौर पर सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़े। भाजपा को लगता है कि उसके कैंडिडेट के पक्ष में ज्यादा वोट पड़ेंगे। इसलिए अमित शाह ने इस बात पर ज्यादा जोर दिया है कि यदि भाजपा को ज्यादा सीटें मिलेंगी तो इससे पुरे गठबंधन को फायदा मिलेगा।
अब भाजपा अपनी कोर कमिटी की मीटिंग में महाराष्ट्र की सीटों को लेकर भी बात करेगी। इसके बाद लोकसभा उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट भी घोषित की जाएगी। इस लिस्ट में महाराष्ट्र की उन सीटों से भी उम्मीदवारों की घोषणा का अनुमान है जिन्हे लेकर गठबंधन के सहयोगियों से सहमति बन गई है। बावजूद इसके अमरावती, उत्तर मुंबई और गढ़चिरोली जैसी सीटों पर विद्यमान सांसदों की चिंता बढ़ी हुईं है।