दहिसर की मस्जिद का स्ट्रक्चरल ऑडिट कर इमारत को तोड़ने की मांग

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दहिसर की मस्जिद का स्ट्रक्चरल ऑडिट कर इमारत को तोड़ने की मांग

विधायक राजू पाटील ने पालकमंत्री को सौंपा पत्र

जर्जर इमारत से दुर्घटना की आशंका-राजू पाटील

आकीब शेख

कल्याण – साल 1993 में एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद का निर्माण ठाणे-रायगढ़ जिले की सीमा पर शुरू किया गया था। मस्जिद का नाम ईरानी मस्जिद था, जो 250 एकड़ जमीन में बन रही थी। लेकिन तत्कालीन शिवसेना जिला प्रमुख आनंद दिघे ने इस मस्जिद का काम रुकवा दिया था। तब से मस्जिद की इमारत आधी-अधूरी अवस्था में है और जर्जर हो गई है। इस जर्जर मस्जिद का स्ट्रक्चरल ऑडिट कर इमारत को ध्वस्त करने की मांग एमएनएस के विधायक राजू पाटील ने की है। इस संदर्भ में उन्होंने ठाणे जिले के पालकमंत्री शंभुराज देसाई को पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है। जवाब में पालकमंत्री ने तुरंत जिला कलेक्टर को लोक निर्माण विभाग के माध्यम से मस्जिद का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का निर्देश भी दिया है।कल्याण-शीलफाटा के पास दहिसर में एशिया की सबसे बड़ी ईरानी मस्जिद का काम नब्बे के दशक में शुरू हुआ था। कई जगहों से बड़ी मात्रा में आर्थिक सहायता मिलने के कारण मस्जिद का काम तेजी से चल रहा था। हालाँकि, शिवसेना के तत्कालीन जिला प्रमुख स्वर्गीय आनंद दिघे ने इसका विरोध किया था। सूत्रों के मुताबिक, साल 1995 में इस मस्जिद के काम पर 99 साल के लिए रोक लगा दी गई है। ईरान की तर्ज पर यह मस्जिद ठाणे जिले में बनाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन भारी विरोध के कारण निर्माणकार्य रोक दिया गया।

बंद पड़ी इमारत से दुर्घटना का है खतरा-

पालकमंत्री को दिए विज्ञप्ति में विधायक राजू पाटील ने लिखा है कि हाल के दिनों में रात के समय मस्जिद परिसर में लोग बसों से गुजरने की सूचना मिल रही है। वही इस आंदोलन में शामिल शिवसेना पार्टी में दो गुट बन गए हैं, और उनकी लड़ाई कोर्ट में चल रही है। इसलिए मनसे विधायक राजू पाटील ने अब इस मुद्दे को अपने हाथों में लिया है। उनका कहना कि मस्जिद की इमारत जर्जर हो चुकी है। मस्जिद में न नमाज पढ़ी जाती और या न ही कोई प्रार्थना होती है। ऐसे में बंद पड़ी इमारत के कारण वहां कोई हादसा होने से नकारा नहीं जा सकता। इसलिए उन्होंने पालकमंत्री संभुराज देसाई से अनुरोध किया है कि वे तुरंत एक स्ट्रक्चरल ऑडिट करें और इमारत को तोड़ दें। चूंकि पालकमंत्री ने भी इस पर सकारात्मक रुख अपनाया, इसलिए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मस्जिद का विध्वंस जल्द ही शुरू हो जाएगा।

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