मुंबई के बच्चा चोर गिरोह का पर्दाफास, गिरोह के 5 सदस्य मुंबई से तो एक नाशिक से गिरफ्तार 

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मुंबई के बच्चा चोर गिरोह का पर्दाफास, गिरोह के 5 सदस्य मुंबई से तो एक नाशिक से गिरफ्तार 

सितम्बर में फुटपाथ से गायब हुई दो साल की बच्ची की तलाश में जुटी कुरार पुलिस को मिली बड़ी सफलता। पुलिस गिरोह हैदराबाद कनेक्शन की जाँच में जुटा

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – कुरार परिसर से दो साल की बच्ची का अपहरण करने वाले छः लोगों के गिरोह क़ो कुरार पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। उक्त गिरोह बच्चों क़ो चुरा कर अथवा गरीब परिवारों से छोटे बच्चे खरीद कर उन्हें बेचने का काम करता था। गिरफ्तार किये गये गिरोह के सदस्यों में एक आरोपी नाशिक का है अटक जिसके मार्फ़त हैदराबाद में बच्चों को बेचा जाता था। पुलिस गिरोह के हैदराबाद कनेक्शन और बच्चे खरीदने वाले आरोपियों की तलाश में जुट गयी है।

सितम्बर महीने के आखरी सप्ताह में फुटपाथ से दो साल की बच्ची गायब हो गयी। बच्ची के माता पिता द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर कुरार पुलिस में मामला दर्ज तिच्या पालकांनी केलेल्या तक्रारीवरून कुरार पोलिस कर लिया गया। मामले की संवेदनशीलता के मद्देनजर वरिष्ठ पोलिस निरीक्षक सतीश गाढवे के मार्गदर्शन में अमर जगदाले, पंकज वानखेडे, संतोष खरडे, ज्ञानेश्वर जुन्न, रवींद्र मेदगे, ऐश्वर्या ऐताळ की एक शशक्त टीम तैयार कर प्रत्येक टीम के सदस्य क़ो अलग – अलग जिम्मेदारी सौंपी गयी। तकनिकी जानकारी और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता चला की अपराधियों ने बच्ची को दादर स्टेशन पर छोड़ दिया है। पुलिस टीम ने दादर स्थित रेलवे पुलिस से बच्ची क़ो अपने कब्जे में ले लिया।

बच्ची शकुशल मिलने के बाद पुलिस टीम ने मालाड, मालवणी, गोवंडी से पांच आरोपियों क़ो गिरफ्तार किया। आरोपियों के नाम इरफान खान, सलाउद्दीन सय्यद, आदिल खान, तौफिर सय्यद, रझा शेख इस प्रकार है, आरोपियों से पूछताछ के दौरान नाशिक के समाधान जगताप का नाम सामने आया। पुलिस टीम ने तत्काल नाशिक पहुंचकर समाधान को भी गिरफ्तार कर लिया। समाधान ही हैदराबाद के युवकों से संपर्क में था, और उनके जरिये ही बच्चों की खरीद फरोख्त करता था, पुलिस की छानबीन में इसका खुलासा हुआ है।

यह गिरोह नवजात शिशु से लेकर छः माह तक के बच्चों क़ो ही खरीदता एयर बेचता था। क्योंकि निःसंतान दंपत्ति बच्चा गोद लेने के लिए छोटे बच्चों क़ो ही प्राथमिकता देते हैं, इसलिए केवल छः माह तक के बच्चों क़ो ही प्राधान्य दिया जाता था। कुरार से चुराई गयी बच्ची दो साल से ज्यादा बड़ी थी जिसके चलते गिरोह द्वारा बच्ची को बेचने का सौदा हाथ से निकाल गया और गिरोह क़ो मजबूरन बच्ची क़ो दादर स्टेशन पर छोड़ देना पड़ा।

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