भाजपा से नाराज पंकजा मुंडे को घेरने की कोशिश
पार्टी से साइडलाइन पंकजा मुंडे की शुगर फैक्ट्री को मिला 19 करोड़ रूपये की जीएसटी का नोटिस। पंकजा ने केंद्र पर लगाया आरोप, कहा वित्तीय सहायता देने में किया गया पक्षपात
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – भारतीय जनता पार्टी से नाराज चल रही राज्य कि पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे एकबार फिर सुर्खियों में हैं। पंकजा मुंडे को फिर से भाजपा ने तगड़ा झटका दिया है, उनकी वैद्यनाथ शुगर फैक्ट्री को 19 करोड़ रूपये की जीएसटी का नोटिस दिया गया है। इसके अलावा उनकी शुगर फैक्ट्री की संपत्ति भी कुर्क की जा सकती है। इस पर पंकजा मुंडे ने किसी भी गड़बड़ी से इंकार करते हुए कहा है कि उनकी फैक्ट्री वित्तीय संकट से जूझ रही थी, केंद्र सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि करीब 9 शुगर फैक्ट्रीयों को केंद्र की तरफ से सहायता प्रदान की गई लेकिन उनकी फैक्ट्री को इस लिस्ट से बाहर रखा गया। अन्यथा शुगर फैक्ट्री आज इस स्थिति में नहीं पहुंची होती।
केंद्र सरकार पर सीधे तौर पर निशाना साधते हुए पंकजा मुंडे ने कहा कि दूसरी फैक्ट्रीयों ने भी वित्तीय मदद के लिए आवेदन किया था। उन्हें सहकारिता विभाग से मदद दी गई लेकिन उनकी शुगर फैक्ट्री की मदद नहीं की गई। उन्होंने आगे कहा कि नोटिस में जो रकम लिखी गई है उसमे ब्याज भी लगाया गया है। कुछ महीने पहले ही ये सारी प्रक्रियाऐं शुरू हुईं थी, और हम प्रशासन का पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सूखे के दौरान भी किसानों का भुगतान नहीं रोका गया, जिसके चलते फैक्ट्री वित्तीय संकट में आ गई।
बता दें कि शुगर फैक्ट्री के नाम पर यूनियन बैंक से 1200 करोड़ रूपये का लोन भी लिया गया था, जिसे चुकाया नहीं गया। जिसके चलते बैंक ने पहले ही फैक्ट्री को सील कर दिया है, वहीं अब जीएसटी का नोटिस भी आ गया है। भाजपा से साइडलाइन किये जाने के सवाल के जवाब में पंकजा ने कहा कि मैं इतनी कमजोत नहीं हूँ कि इतनी आसानी से साइडलाइन किया जा सके।
ज्ञात हो कि पंकजा मुंडे दिवंगत दिग्गज भाजपाई नेता गोपीनाथ मुंडे की सुपुत्री हैं। महाराष्ट्र की राजनीती में देवेंद्र फडणवीस का कद बढ़ने के बाद उन्हें एक तरह से साइडलाइन कर दिया गया। वहीं 2019 में वह विधानसभा का चुनाव भी हार गई थी, इसके बाद भाजपा में उन्हें और भी नजरअंदाज किया जाने लगा। पंकजा की तरफ से बोलते हुए राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि यह भाजपा है यहां नये लोगों को तरजीह दी जाती है, जबकि पुराने वफादार चेहरों को साइडलाइन कर दिया जाता है। सुले ने आगे कहा कि राज्य की पूर्व मवीआ सरकार ने मुंडे की मदद की थी। वही राज्य भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि इस तरह के नोटिस प्रशासन के लिए आम बात है, और अगर कोई गड़बड़ी नहीं हुईं है तो प्रक्रिया देने पर आदेश वापस लें लिए जाते हैं।