सुधीर मोरे आत्महत्या मामला, आरोपी वकील नीलिमा चव्हाण को बाल अधिकार आयोग से बाहर करने की मांग 

Spread the love

सुधीर मोरे आत्महत्या मामला, आरोपी वकील नीलिमा चव्हाण को बाल अधिकार आयोग से बाहर करने की मांग 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – पूर्व नगरसेवक सुधीर मोरे को आत्महत्या के लिए उकसाने के बेहद गंभीर आरोप और बॉम्बे सेशन कोर्ट एवं बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका खारिज करने के बावजूद, आरोपी वकील नीलिमा चव्हाण को राज्य बाल अधिकार आयोग का सदस्य बनाये रखना उचित नहीं है। इसलिए उन्हें तुरंत उस पद से हटाया जाए, ऐसा अनुरोध मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री और आयोग के अध्यक्ष से किया गया है।

गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के चतुर्थ वर्ष में पढ़ने वाली छात्रा रसिका साटो ने हाल ही में इस संबंध में मुख्यमंत्री समेत आयोग के सचिव और अध्यक्ष को अनुरोध पत्र भेजा है। जिसमें कहा गया है कि राज्य बाल अधिकार आयोग बच्चों के अधिकारों और हितों की रक्षा करने वाली एक महत्वपूर्ण वैधानिक संस्था है। अगर ऐसी संस्था में कोई बेहद गंभीर आरोपों वाला व्यक्ति पदासीन हो तो संस्था की पारदर्शी और प्रभावी कार्यप्रणाली पर सवाल उठ सकते हैं। यह माना जाता है कि आरोपी व्यक्ति तब तक निर्दोष है जब तक उसका दोष सिद्ध न हो जाए। लेकिन इस मामले में सेशन कोर्ट के बाद हाईकोर्ट ने भी एड. नीलिमा की गिरफ्तारी पूर्व जमानत अर्जी पुख्ता कारणों के साथ खारिज कर दी गई है। इसलिए उन्हें उस पद से तत्काल हटाना जरूरी है, रसिका साटो ने पत्र में कहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Right Menu Icon