महामार्गो के ढाबों, खाली प्लाटों पर ट्रकों कंटेनरों से सरिया, डामर आईल की चोरी रात आठ से भोर चार बजे तक करते हैं, स्थानीय पुलिस का आशिर्वाद है इन पर

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महामार्गो के ढाबों, खाली प्लाटों पर ट्रकों कंटेनरों से सरिया, डामर आईल की चोरी रात आठ से भोर चार बजे तक करते हैं, स्थानीय पुलिस का आशिर्वाद है इन पर

मुंबई के मशहूर सरिया चोर पालघर के वाड़ा पुलिस स्टेशन के हद मे आमंत्रण होटल पर ट्रकों, कंटेनरों से करते हैं सरिया चोरी

विशेष संवाददाता 

पालघर : चोरो का सरगना अब्दुल हकीम खान उर्फ बक्कल, अल्ताफ, अस्लम शेख व पवन मिश्रा इन लोगो के नेतृत्व में सरिया केमिकल जैसे किमती सामग्री के चोरों का गिरोह पालघर के वाड़ा पुलिस स्टेशन की हद के आमंत्रण होटल के आस पास बहुत बड़े पैमाने पर सक्रिय है, स्थानीय पुलिस से है सांठ-गांठ। फोटो मे साफ-साफ दिख रहा है कि पवन मिश्रा ने अपने कमर पर रिवाल्वर लगा रखा है क्या पुलिस ऐसे लोगो के ऊपर आर्म्स एक्ट के तहत कार्यवाही करेंगी।

बतादें की ट्रकों कंटेनरों के चालकों से सांठ-गांठ कर वाहनों पर लदे सामानों में से कुछ सामानों की चोरी कर लेने का कारोबार अब्दुल हकीम बक्कल व असलम के साथियों द्वारा वाड़ा मे चलाया जा रहा है। ऐसे गिरोह पालघर, भिवंडी, मुंबई, ठाणे व नवी मुंबई में भी सक्रिय हैं। ऐसे गिरोहबाज स्थानीय पुलिस स्टेशनों को पहले ही पूज लेते हैं। पूजने के बाद ही अवैध कारोबार शुरू करते हैं। यही कारण है कितनी ही शिकायतें क्यों न हो पुलिस इन पर कार्यवाही नहीं करती! दबाव आने पर दिखावे की कार्यवाही कर देती है। जबकि यह सफेदपोश चोर जो मर्शडीज कारों में घूमते हैं। अरबों खरबों की संपत्ति के मालिक बने बैठे हैं। यह ऐसे वैसे चोर नहीं यह लोग संगठीत गिरोह चलाते हैं। इन पर राष्ट्रीय सुरक्षा (NSA) कानून के तहत मामला दर्ज कर चोरी द्वारा जमा की गई इनकी सारी संपत्ति जब्त कर लेना चाहिए और कम से कम उम्र कैद की सजा दी जानी चाहिए। परंतु हमारे देश का निठल्ला 1860 का अंग्रेजों द्वारा बनाया गया कानून और निठल्ली सरकार जिसको खुद भी आम जनता का शोषण करना होता है। वह सरकार ऐसे नियम और कानूनों को परिवर्तित कर कठोर कानून कैसे बना सकती है? यही कारण है कि पुलिस और चोरों का ही देश पर शासन चल रहा है। लोकतंत्र तो सिर्फ कहने के लिए है! जनता जितना परेशान अंग्रेजी शासनकाल में थी उससे कम परेशान आजाद भारत में नहीं है? दैनिक “प्रभाव समाचार” ऐसी चोरीयों का अक्सर खुलासा करता रहा है और आगे भी करता रहेगा।

वाड़ा पुलिस स्टेशन अधिकार क्षेत्र माफियाओं के लिए वरदान बन गया है? यहाँ अवैध गतिविधियों को संरक्षण दिया जाता है और पुलिस इन अपराधियों के साथ मिल कर मलाई काट रही है। कई बार बक्कल और असलम जैसे अरबपति चोरों की कहानी लिखे जाने के बावजूद अधिकारी और महाराष्ट्र सरकार इन अवैध गतिविधियों को रोकने के प्रति उदासीन नजर आती है? जबकि इनके द्वारा कमाई गयी काली कमाई आतंकी संगठनों और अंडरवर्ल्ड तक पहूंचने से इंकार नहीं किया जा सकता। फिर भी महाराष्ट्र के गृहमंत्री व पुलिस विभाग के आला अधिकारी ऐसे लोगों पर कठोर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं? इस तरह की चोरी से देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है फिर भी शासन प्रशासन ध्यान देने को तैयार नहीं यह एक विचारणीय प्रश्न है। अब देखना यह है कि खबर प्रकाशित होने के बाद क्या पुलिस और प्रशासन इन चोरो के ऊपर कार्यवाही करेंगी या अपना ढीला रवैया निभाएगी। आगे हम अपने अखबार के माध्यम से इन चोरो के सरगना बक्कल का काला चिटठा आप सभी के समछ लाएंगे कहा-कहा पर इसका वजन काटा चलता है और इसके जरिए से कैसे काला कारोबार यह बक्कल करता है।
क्रमशः

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