प्रधानमंत्री मणिपुर की महिलाओं का दर्द नहीं समझते हैं। संसद में इस मुद्दे पर बात ज्यादा कुछ नहीं बोले, इसका मतलब वे इसे लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं हैं – शरद पवार 

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प्रधानमंत्री मणिपुर की महिलाओं का दर्द नहीं समझते हैं। संसद में इस मुद्दे पर बात ज्यादा कुछ नहीं बोले, इसका मतलब वे इसे लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं हैं – शरद पवार 

बीड की रैली में शरद पवार ने कहा भाजपा में जाने की अफवाह राजनीती से प्रेरित, 2024 में NDA को हराना और मोदी सरकार को हटाना एकमात्र लक्ष्य

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) चीफ शरद पवार ने गुरुवार को कहा है कि प्रधानमंत्री मणिपुर की महिलाओं का दर्द नहीं समझते हैं। उन्होंने संसद में भी 3-4 मिनट ही इस मुद्दे पर बात की, इसका मतलब वे इसे लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार मणिपुर में हिंसा पर काबू पाने में पूरी तरह से फेल है। वहां 2 समुदाय लड़ रहे हैं। लोग एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं, घरों में आग लगाई जा रही है, लोग मारे जा रहे हैं। महिलाओं को निर्वस्त्र कर खुलेआम सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है, यह सबसे खराब स्थिति है। प्रधानमंत्री को मणिपुर जाना चाहिए था और लोगों का विश्वास हासिल करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। शरद पवार ने ऐसा वक्तव्य महाराष्ट्र के बीड में रैली को संबोधित करते हुए कहा।

शरद पवार ने प्रधानमंत्री के 2024 में लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करने के बयान पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इसी तरह की बात महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कही थी, वह सत्ता में लौटे तो लेकिन एक निचली पोस्ट के साथ।

शरद पवार के इस रैली को स्वाभिमान सभा का नाम दिया गया है। यह इलाका बागी राकांपा विधायक धनंजय मुंडे का है। यह दूसरी ऐसी रैली है जिसका मकसद राकांपा से अलग हुए लोगों को निशाना बनाना है। इसके पहले उन्होंने छगन भुजबल की परंपरागत सीट नासिक में रैली की थी।

शरद पवार की यह रैली उस वक्त हो रही है, जब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार से हुई उनकी मुलाकात सुर्खियां बनी हुई है, और कांग्रेस के आरोप के बाद राकांपा – कांग्रेस में जुबानी जंग जारी है। दरअसल बीते शनिवार 12 अगस्त को शरद पवार पुणे में बिजनेसमैन के घर अपने भतीजे अजित पवार से मिले थे।

रैली से पहले अजित पवार गुट ने बीड में पोस्टर लगाए, इन पोस्टर्स में सीनियर पवार का स्वागत किया गया है और उनसे राजनीतिक रूप से अलग हुए भतीजे को आशीर्वाद देने का अनुरोध किया गया है।

कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि अजित पवार ने मविआ को उनके समर्थन के बदले में उनके चाचा को केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक पद की पेशकश की थी। कांग्रेस के आरोप अजित-शरद पवार की बैठक के बाद आए। कांग्रेस ने राकांपा में फूट के बावजूद अजित पवार से मुलाकात जारी रखने को लेकर शरद पवार पर भी सवाल उठाया है। हालांकि शरद पवार ने कहा कि अजित पवार उनके भतीजे हैं। इसलिए यह मुलाकात सिर्फ परिवार के सदस्यों के बीच थी। इसका और कुछ मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।

शरद पवार ने 16 अगस्त को मीडिया के सामने भाजपा में जाने के आरोपों को खारिज करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि मैंने अब तक जो भी कहा है, क्या आपको लगता है कि वह नरेंद्र मोदी की प्रशंसा में है? मैं ऐसे किसी भी नेता के बारे में क्या कह सकता हूं जो निराधार टिप्पणी करता है। मैं भाजपा के साथ नहीं जा रहा हूं।

शरद पवार ने I.N.D.I.A गठबंधन में अपना विश्वास जताते हुए कहा कि विपक्ष का यह गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी सरकार को हटाने के लिए देश भर में जनमत बनाएगा। उन्होंने कहा हमारा एकमात्र फोकस 2024 के लोकसभा चुनाव में NDA को हराना और मोदी सरकार को हटाना है।

31 अगस्त को मुंबई में I.N.D.I.A गठबंधन की मीटिंग होनी है। इसमें शरद पवार और कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई मुख्य भूमिका निभाएगी। उम्मीद है कि गठबंधन सहयोगियों के बीच सीट शेयरिंग करने पर चर्चा शुरू करेगा।

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