मुंबई सौंदर्यीकरण परियोजना में घोटाला आया सामने

Spread the love

मुंबई सौंदर्यीकरण परियोजना में घोटाला आया सामने

जिम्मेदार कौन सरकार या मनपा? विपक्ष हुआ हमलावर, सकते में सरकार

योगेश पाण्डेय – संवाददाता

मुंबई : मुंबई महानगर पालिका द्वारा शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों और बाग़ – बगीचों के पास स्ट्रीट फर्नीचर लगाने का काम शुरू कर दिया है, ताकि मुंबईकरों को बैठने के लिए गार्डन, फुटपाथ और अन्य जगह मिल सके। इस पर कुल 263 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं। शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के विधायक आदित्य ठाकरे, भाजपा विधायक मिहिर कोटेचा ने सौंदर्यीकरण परियोजना में घोटाले का आरोप लगाया था। मुंबई महानगर पालिका द्वारा गठित जांच समिति ने खुलासा किया है कि सौंदर्यीकरण के लिए लिया गया 70 प्रतिशत फर्नीचर अत्यधिक कीमत पर खरीदा गया है। मुंबई के सौंदर्यीकरण के लिए ली गई 13 वस्तुओं में से 9 वस्तुओं की कीमत सामान्य नहीं थी। यह बात सामने आई है कि उन नौ वस्तुओं की कीमतें बीएमसी की मूल्य सूची से अधिक हैं।

तीन विधायकों आदित्य ठाकरे, रईस शेख, मिहिर कोटेचा ने आरोप लगाया था कि मुंबई सौंदर्यीकरण परियोजना में घोटाला हुआ है। इन विधायकों की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निर्देश पर मनपा ने एक जांच समिति का गठन किया और प्रशासन नें शांतिनाथ रोडवेज का भुगतान रोक दिया था। मई महीने में आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात कर मामले की जांच लोकायुक्त से कराने की मांग की थी।

मुंबई महानगर पालिका की जाँच समिती के सामने मुंबई सौंदर्यीकरण परियोजना में 13 वस्तुओं में से 9 की दरें नियमित दरों से अधिक पायी गई। जिसमें स्ट्रीट फर्नीचर में बेंच, फुटपाथ पर बोलार्ड, आकर्षक फूलदान, बर्तन और यहां तक ​​कि कूड़ेदान भी शामिल हैं। मनपा के एक अधिकारी ने कहा कि ठेकेदार से बातचीत के बाद भी इनमें से कुछ वस्तुओं की दरें अधिक थीं।

आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल रमेश बैस को पत्र लिखकर सौंदर्यीकरण परियोजना की पारदर्शी जांच की मांग की थी। आदित्य ठाकरे ने मांग की थी कि इसकी जांच लोकायुक्त से करायी जानी चाहिए, साथ ही आदित्य ठाकरे ने यह भी मांग की कि महानगर पालिका को इस मामले की जानकारी विधायकों को देनी चाहिए। आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल से यह भी मांग की थी कि वह मुंबई महानगर पालिका को दस्तावेज देने के संबंध में निर्देश दें।

मुंबई महानगर पालिका के डिप्टी कमिश्नर हर्षद काले ने इस प्रक्रिया में अनियमितता के आरोप को खारिज करते हुए बताया कि 23 मार्च को काम शुरू करने का आदेश दिया गया और काम एक अप्रैल से शुरू कर दिया गया है।

भाजपा विधायक मिहिर कोटेचा ने राज्य विधानसभा में कहा कि सरकार ने अनुबंध रद्द करने का फैसला किया है, दूसरी ओर मुंबई मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने एकनाथ शिंदे के निर्देशानुसार एक जांच समिति का गठन किया, जिसकी रिपोर्ट इसी माह आ जायेगी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद हम तय करेंगे कि कॉन्ट्रैक्ट रद्द करना है या नहीं। हालांकि अपर मनपा आयुक्त सुधाकर शिंदे ने काम रोकने का आदेश दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Right Menu Icon