आदित्य ठाकरे के आरोपों के बाद, जागी शिंदे – फडणवीस – पवार सरकार 

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आदित्य ठाकरे के आरोपों के बाद, जागी शिंदे – फडणवीस – पवार सरकार 

राज्य सरकार द्वारा मुंबई महानगर पालिका के 263 करोड़ के स्ट्रीट फर्नीचर घोटाले मे जाँच के आदेश। तत्काल प्रभाव से सभी कॉन्ट्रैक्ट रद्द 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – शिवसेना ठाकरे गुट के नेता आदित्य ठाकरे ने मुंबई महानगर पालिका में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए स्ट्रीट फर्नीचर अनुबंध को रद्द करने की मांग की है। इसके बाद राज्य की शिंदे-फडणवीस-पवार सरकार द्वारा बड़ा फैसला लेते हुए स्ट्रीट फर्नीचर अनुबंध को रद्द कर दिया गया है।

आदित्य ठाकरे ने मुंबई सौंदर्यीकरण परियोजना के तहत विभिन्न सजावटी सामग्री यानी स्ट्रीट फर्नीचर की खरीद में 263 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार 16 जुलाई को इन आरोपों की जांच की घोषणा की थी। मुंबई सौंदर्यीकरण परियोजना के तहत सड़कों पर रेलिंग, बेंच और गमलों जैसी कई चीजें लगाई जानी थीं। आदित्य ठाकरे ने इस मुद्दे को विधानसभा के मानसून सत्र में उठाने की चेतावनी दी थी।

आदित्य ठाकरे ने मनपा प्रशासन से इस घोटाले के बारे में जवाब माँगा था, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के चलते इस विषय पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। ठाकरे द्वारा मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल को पत्र दिये जाने के बाद इसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने इस घोटाले की जांच के आदेश दिए।

मुंबई में सौंदर्यीकरण का अच्छा काम चल रहा है और कुछ लोग जनता को गुमराह करने का आरोप लगा रहे हैं। इसलिए एकनाथ शिंदे ने कहा था कि वह अपने द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कमेटी के जरिए कराएंगे और सच्चाई लोगों के सामने लाएंगे। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि यह आरोप सही नहीं है कि मुंबई महानगर पालिका में जमा पूंजी को तोड़कर शहर का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है, बल्कि इसके विपरीत महानगर पालिका की जमा राशि 77 हजार करोड़ से बढ़कर 88 हजार करोड़ हो गई है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि सरकार अच्छा काम कर रही है, इसके बावजूद कुछ लोग जो पेट दर्द से पीड़ित हैं, उनके इलाज के लिए हर वार्ड में बालासाहेब ठाकरे क्लीनिक शुरू किए गए हैं।

केंद्रीय परचेस विभाग (सीपीडी) ने सड़क सामग्री की खरीद के लिए निविदा क्यों जारी की? सड़क विभाग ने इसे क्यों नहीं हटाया? इस खरीदारी में कितनी वस्तुएं ली जाएंगी? यह क्यों नहीं बताते कि उनकी दरें क्या हैं? सीपीडी से स्थानांतरित एक विशेष अधिकारी को यह कार्य क्यों सौंपा गया? क्या मामले की जांच के लिए कोई समिति नियुक्त की गई है? यदि हां, तो क्या उसकी रिपोर्ट प्रकाशित की जानी चाहिए? माल की आपूर्ति करने वाले सभी भाग लेने वाले बोलीदाताओं को वीजेटीआई की गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट क्यों नहीं दी जाती है? आदित्य ठाकरे ने ऐसी कई आपत्तियां उठाई हैं।

स्ट्रीट फर्नीचर घोटाले को लेकर अब तक तीन अलग-अलग विधायक आरोप लगा चुके हैं। इसे लेकर पहले भाजपा के मिहिर कोटेचा, समाजवादी पार्टी के रईस शेख भी सवाल उठा चुके हैं। लेकिन आदित्य ठाकरे का आरोप है कि प्रशासन ने हर बार अलग-अलग जवाब दिया है।

स्ट्रीट फर्नीचर घोटाले को लेकर आदित्य ठाकरे द्वारा समय-समय पर उठाए गए सवालों का जवाब देने से मनपा आयुक्त बचते रहे हैं और उपायुक्त हर्षद काले ने इन सवालों का लिखित जवाब दिया है। इस पर भी ठाकरे ने आपत्ति जताई है। इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर प्रक्रिया सितंबर 2022 में शुरू हुई और अक्टूबर 2022 में काले को इस विभाग से स्थानांतरित कर दिया गया। क्या उन्हें इसका उत्तर देने का अधिकार है?

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