आसाराम बापू की रिहाई के लिए धरने पर बैठे साधक

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आसाराम बापू की रिहाई के लिए धरने पर बैठे साधक

बिगड़ते स्वास्थ्य का दिया हवाला

पैरोल पर रिहा कर इलाज कराने की मांग

आकीब शेख

कल्याण – राजस्थान के जोधपुर जेल में बंद 86 वर्षीय संत आसाराम बापू का स्वास्थ्य बिगड़ने से सेवादारों में चिंता का विषय बना हुआ है। संत आसाराम बापू करीब 11.5 वर्षों से सजा काट रहे हैं। बताया जाता है कि उनकी स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। श्री योग वेदांत सेवा समिति के साधकों का कहना है कि आसाराम बापू 13 जनवरी से 6 फरवरी 2024 तक जोधपुर के एम्स हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती थे। एम्स हॉस्पिटल के रिपोर्ट के मुताबिक उनके हृदय में तीन गंभीर ब्लॉकेज है। शरीर से लगातार रक्तस्राव हो रहा है। हीमोग्लोबिन का स्तर गिरता जा रहा है। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए सेवादारों ने उन्हें पैरोल पर छोड़ने की मांग की है। सोमवार को श्री योग वेदांत सेवा समिति एवं नारी संगठन के साधकों ने आसाराम बापू को उपचार हेतु शीघ्रताशीघ्र राहत देने के लिए आजाद मैदान में धरना आंदोलन किया। कल्याण स्थित संत आसाराम बापू आश्रम के सेवादार विशाल कुमार गुप्ता ने कहां की उन्हें फौरन जेल से रिहा कर यथा उचित चिकित्सा पद्धति द्वारा उपचार देने की आवश्यकता है, इसलिए सरकार फौरन उन्हें पैरोल पर रिहा करें।

देश के कई नामचीन हस्तियों का दिया हवाला-

सेवादार विशाल गुप्ता ने कहां की पोक्सो एक्ट व गैंगरेप की धारा में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को स्वास्थ्य एवं बेटी की शादी के लिए बेल दी गई थी। इस तरह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, पहलवान सुशील कुमार, दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन, सुपरटेक ग्रुप के अध्यक्ष आरके अरोड़ा, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक आदि देश के नामचीन हस्तियों को महीनों-महीनों के लिए पैरोल की राहत दी गई है, तो संत आसाराम बापू को क्यों नहीं? गुप्ता ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें हार्ट का प्रॉब्लम था जिसके लिए उन्हें बेल मिली थी।

पैरोल की मांग को लेकर आजाद मैदान में धरना-

आसाराम बापू की रिहाई को लेकर देशव्यापी आवाज उठ रही है। उसी के तहत उनके अनुयायियों ने सोमवार को मुंबई के आजाद मैदान में धरना दिया और उन्हें रिहा कर उचित स्वास्थ्य उपचार कराए जाने की मांग की।

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