निर्वाचन आयोग का बड़ा फैसला, अजित पवार गुट को मिली असली राकांपा की मान्यता
राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर शरद पवार को नये पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह चुनने के लिए 7 फरवरी तक का मिला समय। सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की तैयारी में शरद पवार गुट
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – भारत निर्वाचन आयोग ने मंगलवार 6 फरवरी को कहा है कि अजित पवार गुट ही असली राकांपा है। साथ ही आयोग ने शरद पवार को नए राजनीतिक दल के लिए 7 फरवरी की दोपहर 4 बजे तक तीन नाम देने को कहा है। महाराष्ट्र से राज्यसभा की 6 सीटों के लिए चुनाव होने हैं। इसे देखते हुए शरद पवार गुट को चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 39AA का पालन करने के लिए ये खास रियायत दी है।
चुनाव आयोग ने 6 महीने तक चली 10 सुनवाई के बाद यह फैसला दिया है। आयोग ने कहा है कि विधायकों की संख्या के बहुमत ने अजित पवार गुट को राकांपा का नाम और चुनाव चिह्न हासिल करने में मदद की।
अजित पवार 2 जुलाई 2023 को राकांपा के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने अपने साथ राकांपा के 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। गठबंधन सरकार में अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था।
शरद से बगावत के बाद अजित पवार ने 30 जून को दावा किया था कि बहुमत उनके पास है, इसलिए पार्टी पर उनका अधिकार है। आयोग में याचिका दायर कर, अजित पवार ने 9 हजार से ज्यादा दस्तावेज भी पेश किए थे।
निर्वाचन आयोग के फैसले पर शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि जो शिवसेना के साथ हुआ वही आज हमारे साथ हो रहा है। इसलिए यह कोई नया आदेश नहीं है। बस नाम बदल गए हैं, लेकिन फैसला पुराना है। शरद पवार पार्टी को फिर से बना लेंगे।
वहीं दूसरी ओर शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि यह होना ही था, हमें पहले से पता था। आज अजित पवार ने शरद पवार का राजनीतिक गला घोंट दिया है। ये चुनाव आयोग के लिए शर्मिंदगी की बात है। शरद पवार फीनिक्स हैं। वह राख से फिर उठ खड़े होंगे। हमारे पास अभी भी शक्ति है क्योंकि हमारे पास शरद पवार हैं, इस फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।