आजादी के 75 वर्ष बाद सेक्स वर्करों की टोली ने सार्वजनिक तौर पर राष्ट्रीय झंडे को दिया सलामी
भिवंडी में गणतंत्र दिवस के समारोह में सेक्स वर्करों की टोली हुई शामिल
हमें आज लगा कि हम भी आजाद देश की महिलाएं हैं – रानी खान
भिवंडी – (कृष्णगोपाल सिंह) देश की आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भिवंडी में रहने वाली दो दर्जन से अधिक सेक्सवर्कर महिलाओं ने पहली बार श्री साईं सेवा संस्था की अध्यक्ष डॉ स्वाति सिंह के मार्गदर्शन में स्थानीय रिमांड होम के प्रांगण में भिवंडी प्रांत अधिकारी अमित सानप द्वारा किए गए ध्वजारोहण समारोह में सार्वजनिक रूप से शामिल हुई, जो अपने आप में आजादी के बाद देश और भिवंडी शहर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था। इस अवसर पर भिवंडी तहसीलदार अभिजीत खोले तथा भिवंडी रिमांड होम के मानद सचिव दिलीप कलांत्री तथा शहर की अन्य गणमान्य हस्तियां उपस्थित थी। इस कार्यक्रम में शामिल हुई दो दर्जन से अधिक सेक्स वर्कर महिलाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। वह इतनी भाव विभोर हो गई थी कि कई महिलाओं के आंखों में आंसू भर आए थे। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए हनुमान टेकरी के प्रेम नगर स्थित राम रहीम मंडल की अध्यक्षा रानी खान ने बताया कि आज हमें भी लग रहा है कि हम भी आजाद देश की महिलाएं हैं और हमें भी स्वतंत्र होकर खुले समाज में सांस लेने का मुझे अधिकार मिला हुआ है। यह कार्य सेक्सवर्करों के जीवन को बदलने तथा स्वालंबी बनाने के लिए प्रयासरत श्री साईं सेवा संस्था की अध्यक्षा डॉ स्वाति सिंह के अथक लंबे प्रयास से सफल हो सका। बता दें कि डॉक्टर स्वाति सिंह इन महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाने और उन्हें मूल सामाजिक धारा से जुड़ने के लिए केंद्र व राज्य सरकार की सभी योजनाओं को उनके बीच ले जाकर के इन्हें प्रोत्साहित करने के साथ-साथ कई महिलाओं को नरक की इस जिंदगी से मुक्ति दिलाई है। उन्हें यह पेशा छोड़कर स्वालंबी बनाने हेतु कई घरेलू वस्तुओं का स्वयं उत्पादन कर बाजार में बेचेने का कार्य शुरू कराया है। अब वह महिलाएं अपने बच्चों को स्कूल भेजने के साथ-साथ इस नरक के धंधे से बाहर निकाल कर सामान्य जीवन शुरू कर दिया है। जो अपने आप में एक निश्चित तौर पर समाज में नारी सशक्तिकरण का बेमिसाल उदाहरण बना हुआ है। इस सब की सफलता को देखकर सेक्सवर्कर के क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं का हौसला काफी बढ़ रहा है। डॉ स्वाति सिंह ने कहा कि हमें इस क्षेत्र में कई अड़चनें और धमकियां आती रहती है लेकिन फिर भी हम अपनी जान की परवाह न करते हुए इन महिलाओं के इस स्वरूप के जीवन में परिवर्तन लाने का संकल्प कर लिया है और यह कार्य मैं समाज तथा शासन के लोगों की सहायता से आगे भी करती रहूंगी। डॉ स्वाति सिंह के इस प्रयास के लिए उन्हें केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से सार्वजनिक रूप से सम्मानित भी किया जा चुका है।