मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल का विरोध मार्च शुरू
हजारों की भीड़ में मराठा युवाओं का जालना से मुंबई कूच। 26 जनवरी को मुंबई पहुंचेंगे मनोज जरांगे
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल जालना से मुंबई तक विरोध मार्च निकाल रहे हैं, जरांगे मराठा आरक्षण की मांग कर रहे हैं। उनके साथ हजारों लोगों की भीड़ नजर आ रही है। शुक्रवार को उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार मराठाओं को मूर्ख बना रही है। उसने हमें आरक्षण देने को कहा था, लेकिन आज तक अपना वादा पूरा नहीं किया।
जालना से मुंबई के बीच की दूरी 420 किलोमीटर है, मनोज जरांगे 26 जनवरी को मुंबई पहुंचेंगे। बीड जिले में उनके स्वागत के लिए कई सारी जेसीबी तैयार रखी गयी है। जेसीबी से फूल बरसाकर उनका स्वागत किया जाएगा। इधर, मराठा आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बैठक की। हालांकि मीटिंग में क्या बातें हुई हैं, इसको लेकर अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
इससे पहले 25 अक्टूबर 2023 को मनोज जरांगे ने जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में भूख हड़ताल शुरू की थी। मांग वही, मराठा समुदाय को OBC का दर्जा देकर आरक्षण दिया जाए। 9 दिनों में आंदोलन से जुड़े 29 लोगों ने सुसाइड कर लिया।
इसके बाद राज्य सरकार के 4 मंत्रियों धनंजय मुंडे, संदीपान भुमरे, अतुल सावे, उदय सामंत ने जरांगे से मुलाकात कर भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की। उन्होंने स्थायी मराठा आरक्षण देने का वादा किया। इसके बाद 2 नवंबर 2023 को मनोज जरांगे ने अनशन खत्म कर दिया। साथ ही सरकार को 2 जनवरी 2024 तक का समय दिया था।
कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने 2 नवंबर 2023 को कहा था कि विधानमंडल सत्र 7 दिसंबर से शुरू होगा और इस सत्र में 8 दिसंबर को मराठा आरक्षण पर चर्चा की जाएगी। जरांगे ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को स्थायी आरक्षण देने का वादा किया है, उन्होंने इसके लिए कुछ समय मांगा है। हम सबकी दिवाली मीठी बनाने के लिए सरकार को समय देंगे। अगर सरकार तय समय में आरक्षण नहीं देगी तो 2024 में हम फिर मुंबई में आंदोलन करेंगे।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में 1 नवंबर 2023 को सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सहमति जताई कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना ही चाहिए। इस बैठक में शरद पवार समेत 32 पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा था कि यह निर्णय लिया गया है कि आरक्षण कानून के दायरे में और अन्य समुदाय के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए। आरक्षण के लिए अनशन पर बैठे मनोज जरांगे से अपील है कि वो अनशन खत्म करें, हिंसा ठीक नहीं है।