उद्धव ठाकरे की बढ़ सकती है मुसीबत, मशाल निशानी पर समता पार्टी का दावा
चुनाव आयोग में जमा कराए जरूरी कागज़ात, जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे – उदय मंडल
आकीब शेख
कल्याण – शिवसेना पार्टी के अधिकार और धनुष बाण निशानी हाथ से गवाने के बाद उद्धव ठाकरे की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही है। चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को मशाल निशानी दे रखी है, जिसपर समता पार्टी ने भी दावा किया है। लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी निशानी के लिए जरूरी दस्तावेज समता पार्टी ने चुनाव आयोग में जमा कराया है। और यह दावा किया है कि मशाल निशानी उनकी है, उन्हें वापस किया जाए। धनुष बाण निशानी खोने के बाद ठाकरे गुट मशाल निशानी पर चुनाव लड़ेगा यह कयास लगाया जा रहा था, लेकिन अब लगता है कि यह निशानी भी उद्धव ठाकरे के हाथ से जा सकती है। ठाणे के कल्याण में समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय मंडल ने प्रेसवार्ता में कहा कि समता पार्टी एक राष्ट्रीय दल है, जो बिहार, मणिपुर एवं अन्य राज्यों में मशाल निशानी पर चुनाव लड़ चुकी है।
चुनाव आयोग में जमा कराए जरूरी कागज़ात-
लोकसभा चुनाव से पूर्व चुनाव आयोग ने सभी राष्ट्रीय दलों को चुनावी निशानी के लिए अनिवार्य कागज़ात जमा करने की सूचना दी है। जिसपर पार्टी द्वारा निशानी से जुड़े सभी जरूरी पेपर चुनाव आयोग में सबमिट किए गए हैं। उदय मंडल ने आगे कहा कि शिवसेना में हुई दो-फाड़ के बाद शिवसेना के अधिकार को लेकर विवाद चल रहा था। इस बीच हमारी मशाल निशानी चुनाव आयोग ने ठाकरे गुट को दे दी। अब चूंकि विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर के निर्णय के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की है, तो हमारी निशानी हमें वापस दी जाए ऐसी मांग समता पार्टी के अध्यक्ष उदय मंडल ने की है।
आगामी चुनाव मशाल निशानी पर लड़ने का दावा-
उदय मंडल ने कहा कि समता पार्टी मशाल निशानी के लिए सक्षम है। उन्होंने आगे कहा कि आगामी चुनाव में हम प्रत्येक राज्यों में प्रत्याशी उतारेंगे। जिसके लिए केवल मशाल निशानी पर दावा किया गया है। यह निशानी समता पार्टी को नहीं दी गई, तो चुनाव आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय मंडल ने कही है।