2024 चुनाव को लेकर भाजपा – आरएसएस की बैठक में भाजपा की भूमिका तय। भाजपा के सहयोगी दलों को कमल के चुनाव-चिन्ह पर ही लड़ना होगा चुनाव – जितेन्द्र आव्हाड़
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखरी दिन राकांपा विधायक के ट्वीट से मचा हंगामा। राज्य की राजनितिक हलचलें तेज
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – महाराष्ट्र में भाजपा 2024 के चुनावों में 40 से अधिक सीटें जीतने के लक्ष्य के तैयारियां कर रही है, भाजपा ने 26 जनवरी से पहले विधायकों को 50 लाख नमो एप डाउनलोड करने का टारगेट भी पूरा करने को कहा है। भाजपा की ताबड़तोड़ तैयारियों के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता जितेंद्र आव्हाड के दावे से राज्य की राजनीति एकदम से गरमा गई है। आव्हाड ने दावा किया है कि अभी हाल ही में भाजपा -आरएसएस की बैठक हुई थी, जिसमें 2024 में भाजपा की भूमिका तय हो गई है। भाजपा के सहयोगी दलों को कमल के चुनाव-चिन्ह पर ही लड़ना होगा।
शरद पवार के करीबी नेताओं में शामिल आव्हाड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि भाजपा और आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच मीटिंग हुई थी। इस ट्वीट में जितेंद्र जितेंद्र आव्हाड ने यह भी कहा कि इस बैठक में 2024 के चुनाव और भाजपा की भूमिका तय की गई है। जितेंद्र आव्हाड ने लिखा है कि 2024 में भाजपा महाराष्ट्र में अकेले लड़ेगी, जो लोग भाजपा के साथ चुनाव लड़ना चाहते हैं उन्हें कमल के चुनाव चिन्ह पर ही चुनाव लड़ना होगा। जितेंद्र आव्हाड़ के ट्वीट से राजनीतिक गलियारों में चर्चा छिड़ गई है। जितेंद्र आव्हाड का यह ट्वीट नागपुर में विधानसभा का शीतकालीन सत्र खत्म होने के बाद आया है।
भाजपा नेता और राज्य में उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ समय पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि भाजपा राज्य की 26 सीटों पर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी। इसके बाद चर्चा हुई थी कि एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और अजित पवार गुट वाली राकांपा को 11-11 सीटें मिल सकती हैं। अब आव्हाड के ट्वीट से महाराष्ट्र की राजनीति में एक निशान पर लड़ने को लेकर चर्चा छिड़ गई है। जितेंद्र आव्हाड का दावा है कि सहयोगियों को ऐसा करना पड़ेगा, नहीं तो भाजपा अकेले ही चुनाव लड़ेगी। राज्य में लोकसभा की कुल 48 सीटें है। भाजपा के अगुवाई वाले महायुति (ग्रैंड आलायंस) में अजित पवार की अगुवाई वाली राकांपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना शामिल है।