मुलुंड – भांडुप में परियोजना पीड़ितों के लिए बन रहे घरों में बड़ा भ्रष्टाचार 

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मुलुंड – भांडुप में परियोजना पीड़ितों के लिए बन रहे घरों में बड़ा भ्रष्टाचार 

भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया का मनपा आयुक्त पर आरोप। मुख्य सचिव को पत्र लिखकर की जाँच की मांग 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आरोप लगाया है कि मुलुंड और भांडुप में मुंबई महानगर पालिका द्वारा परियोजना पीड़ितों के लिए हजारों घर बनाए जा रहे हैं, जिसके कॉन्ट्रैक्ट में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है। इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव मनोज सौनिक से लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी है और जांच की मांग की गयी है।

परियोजना पीड़ितों के लिए कहां और कितने मकानों और घरों की आवश्यकता होगी, इस पर मुंबई महानगर पालिका ने कोई अध्ययन नहीं किया है। मनपा आयुक्त ने केवल डेवलपर्स के लाभ के लिए प्रत्येक सर्कल में पांच हजार फ्लैट बनाने की घोषणा की है। मुलुंड और भांडुप में आयुक्त ने प्रमोद रांका/चोरडिया की दो कंपनियों को एक किलोमीटर की दूरी पर दस हजार घर बनाने की अनुमति देकर बड़ा घोटाला किया है। मुलुंड में कक्षा 2 की भूमि को नवंबर 2020 में कक्षा 1 में अपग्रेड किया गया था। इस प्रस्ताव के बाद दोनों भूमि आरक्षण बदल दिये गये। सोमैया ने दावा किया है कि इसके लिए 5.4 एफएसआई मुफ्त दी गई है और महानगर पालिका के सभी कर और शुल्क माफ कर दिए गए हैं।

इस प्रोजेक्ट में डेवलपर 300 वर्ग फीट का फ्लैट 11 लाख में बनाएगा, जबकि एक फ्लैट के लिए बाजार भाव, रेडी कैलकुलेटर डोर के जरिए महानगर पालिका 38 लाख रुपए देगी। महानगर पालिका के भ्रष्ट अधिकारियों ने जानबूझकर इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया कि सभी कर, एफएसआई मुफ्त दिए गए हैं। एक किलोमीटर के अंतर पर मुलुंड में 10 हजार घर क्यों? ऐसा सवाल उठाते हुए सोमैया ने पत्र में कहा है कि इस भ्रष्ट प्रस्ताव पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए यह मांग की है।

इस परियोजना के चलते मुलुंड पूर्व के नागरिकों पर इसका दूरगामी परिणाम होने का दावा करते हुए इस परियोजना के विरोध में ॲड. सागर देवरे ने रविवारी 5 नवंबर को शाम पांच बजे मराठा मंडल, मुलुंड में स्थानीय नागरिकों की सभा का आयोजन किया है। देवरे ने आगे कहा कि इस परियोजना की संकल्पना करते समय मुलुंड की जनसंख्या, भौगोलिक परिस्थिती, मूलभूत सुविधाओं का ध्यान बिल्कुल भी नहीं रखा गया। ऐसा दावा ॲड. देवरे द्वारा किया गया है। इस परियोजना के चलते मुलुंड पूर्व की आबादी में कम से कम 35 हजार नए लोगों की भरमार हो जाएगी जिसका असर यहाँ मूलभूत सुविधाओं पर पड़ेगा।

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