प्रशासन पूरी तरह सरकार के लिए काम कर रहा है, मराठा आरक्षण के अदोलनकारियों को अनशन स्थल से उठाया जा रहा है और झूठे मुकदमें दर्ज किये जा रहे हैं – मनोज जरांगे पाटिल
गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भड़के मनोज जरांगे, कहा यदि हमने ठान लिया तो 5 मिनट में फडणवीस की बोलती बंद हो जाएगी
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – राज्य सरकार की जी तोड़ कोशिशों के बावजूद भी मराठा आरक्षण की आग थामती नजर नहीं आ रही है, साथ ही अब तो इस मामले ने राजनितिक रंग ले लिया है। पहले भाजपा ने सवाल उठाते हुए कहा कि मनोज जरांगे पाटिल केवल उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ही क्यों निशाना बना रहे हैं। इस पर जवाब देते हुए खुद जरांगे पाटिल ने कहा कि यदि हमने फैसला कर लिया तो केवल 5 मिनट के भीतर ही फडणवीस की बोलती बंद हो जाएगी। मनोज जरांगे ने कहा यदि हम कुछ भी बोलते हैं तो गलत लगता है, मैसेज आ रहा है कि ज्यादा मत बोलो। दो दिनों से अच्छी बात चल रही थी, लेकिन यदि हमने फैसला ले लिए तो देवेंद्र फडणवीस की बोलती 5 मिनट में बंद हो जाएगी
मनोज जरांगे ने कहा कि अनशन स्थल से आंदोलनकारीयों को उठाया जा रहा है, और उनपर मनमाने मुकदमें लगाए जा रहे हैं। पुलिस अधिकारी सरकार के इशारे लड़ काम कर रहे हैं और आंदोलनकारीयों पर ही अत्याचार कर रहे हैं। यही नहीं मनोज जरांगे ने यह भी स्पष्ट किया की वे अभी आंदोलन खत्म करने नहीं जा रहे हैं और हमें यह भी नहीं जानना है की सर्वदलीय बैठक में क्या हुआ। हम उस प्रस्ताव को ख़ारिज करते हैं, जिसमें आंदोलन खत्म करने की बात कहीं गई है। हमारे साथ कोई भी राजनितिक दल नहीं है। सरकार एक तरफ है और मराठा दूसरी तरफ सभी राजनितिक दल मिलकर हमें मुर्ख बना रहे हैं।
जरांगे ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आप लोग जितनी मीटिंग करेंगे, समस्याएँ उतनी ही बढ़ेगी। आओ लोग मीटिंग कर रहे हैं और मराठा अपनी जान दे रहे हैं। इस सरकार से लोग परेशान हो गये हैं, हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से छल रहा है, लेकिन अब हमें मजबूर किया जाने लगा है। जारांगे ने वकीलों से अपील करते हुए कहा कि मराठाओं पर दर्ज मुकदमों की पैरवी करें। इसी बीच राज्य की ट्रिपल इंजन सरकार ने मराठा समुदाय के लोगों को कुनबी जाती का सर्टिफिकेट बाँटना शुरू कर दिया है, जालना जिले में अब तक 2770 लोगों को सर्टिफिकेट दिया जा चूका है।
बुधवार को मुंबई में हुईं सर्वदलीय बैठक में शरद पवार और अशोक चव्हाण जैसे वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि हम सभी मराठा कोटे के पक्ष में हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सभी को बताया कि सरकार ने मराठा आरक्षण पर अब तक क्या कदम उठाया है। हालांकि विपक्ष ने इस दौरान सवाल उठाया कि उस मामले में राज्य सरकार ने केंद्र से क्या मदद मांगी है। पवार समेत कई नेताओं ने मांग उठायी की इस मामले में केंद्र सरकार को दखल देना चाहिए।