महाराष्ट्र जल रहा है और सरकार बेशर्म राजनीती करने में जुटी है – संजय राऊत
सर्वदलीय बैठक में उद्धव गुट के सांसदों और विधायकों को नहीं बुलाने पर भड़के संजय राऊत। ट्वीट कर कहा हमें बड़प्पन नहीं समस्याओं का समाधान चाहिए
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – मराठा आरक्षण आंदोलन ने राज्य के कई जिलों में हिंसक रूप ले लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल रमेश बैंस से मिलकर राज्य की स्थिति और अराजकता रोकने के लिए किये जा रहे सुरक्षा उपायों की जानकारी दी। आंदोलन उग्र होने के बाद एहतियात के तौर पर बिड़, धाराशिव और जालना इलाके में संचार सेवाएं निलंबीत कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री ने इस मामले में बुधवार को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई। मराठा आंदोलन को लेकर शिवसेना युबीटी के फायरब्रांड सांसद संजय राऊत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रति तीव्र नाराजगी दर्ज कराई है। उन्होंने कहा है कि एक ओर महाराष्ट्र जल रहा है, और मुख्यमंत्री द्वारा बेशर्म राजनीति की जा रही है। राऊत ने यह आरोप लगाया की तुच्छ राजनीती के चलते सर्वदलीय बैठक में शिवसेना युबीटी के विधायकों और सांसदों को आमंत्रित नहीं किया है।
राज्य के काई हिस्सों में मराठा आरक्षण की मांग जोर पकड़ने लगी है, इसी के चलते सुरक्षा कारणों से सरकार ने बिड़ जिले में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं। कई विधायकों और सांसदों के घरों और दफ्तर में आगजनी की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत दोनों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री ने मराठा आरक्षण के आंदोलनरत नेता मनोज जरांगे पाटिल आश्वासन दिया कि राज्य सरकार मराठा समुदाय का आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और उनसे शांति बनाये रखने की अपील की।
शिवसेना युबीटी के सांसद संजय राऊत ने आरोप लगाया कि सर्वदलीय बैठक में शिवसेना युबीटी के किसी भी सांसद या विधायक को आमंत्रित नहीं किया गया है। केवल महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता विपक्ष अंबादास दानवे को ही बुलाया गया है।
राऊत ने अपने ट्वीट में कहा है कि इस सरकार का क्या करें?भले ही महाराष्ट्र जल रहा हों लेकिन उनकी बेशर्म राजनीती जारी है। मराठा आरक्षण मुद्दे पर सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है, लेकिन उस बैठक में शिवसेना उद्धव गुट को आमंत्रित नहीं किया गया है। उद्धव गुट की शिवसेना के पास 16 विधायक और 6 सांसद हैं। विधायकों की अयोग्यता पर मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जिस दल के पास एक विधायक है उन्हें निमंत्रित किया गया, जिनके पास एक भी विधायक नहीं हैं उन्हें भी बैठक में बुलाया गया है। ठीक है हमें बड़प्पन नहीं चाहिए, लेकिन समस्या का समाधान होना जरुरी है। जरांगे पाटिल की जान बचाएं, हिसाब किताब का समय नजदीक आ रहा है, जय महाराष्ट्र।