मराठा आरक्षण पर सुलगी सियासत, सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग तेज 

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मराठा आरक्षण पर सुलगी सियासत, सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग तेज 

आरक्षण नहीं मिलने तक महाराष्ट्र के मंत्रियों और सांसदों की इस्तीफे के आवाहन पर मुख्यमंत्री का पलटवार। कहा उद्धव ठाकरे को ऐसा बोलने का अधिकार नहीं 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – सोमवार से उग्र हुए मराठा आंदोलन की आंच से राज्य की सियासत गर्मा गई है। शिवसेना युबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्र और राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मराठा आरक्षण पर फैसला नहीं लेने पर महाराष्ट्र के सभी मंत्रियों और सभी 48 सांसदों को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह चिंतामनराव देशमुख ने अपने मराठा होने का अभिमान दिखाकर अपने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, उसी तरह महाराष्ट्र के केंद्रीय मंत्रियों को भी मराठा आरक्षण के हित के लिए अपना इस्तीफा देना चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रतिक्रिया दी है, वह मंगलवार को मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे।

एकनाथ शिंदे ने कहा उद्धव ठाकरे को मराठा आरक्षण पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि मराठा समुदाय जानता है और हम भी जानते हैं कि वह मराठा समुदाय को लेकर कितने संवेदनशील हैं। जब देवेन्द्र फड़णवीस मुख्यमंत्री थे तब मराठा समुदाय को आरक्षण दिया गया था, जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। हालाँकि, देवेन्द्र फड़नवीस और हमने उस आरक्षण को बनाए रखने के लिए काम किया। लेकिन जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया, तब राज्य के मुख्यमंत्री कौन थे, उप-समिति के प्रमुख कौन थे? उन्होंने इस मराठा आरक्षण को बरकरार क्यों नहीं रखा?

वास्तव में उद्धव ठाकरे मराठा आरक्षण के सच्चे हत्यारे हैं, इसलिए उन्हें मराठा आरक्षण पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। मराठा समाज समग्र रूप से जानता है कि वह कौन था जिसने मराठा समाज के मौन मोर्चे को गूंगा मोर्चा कहा, जिसने महिलाओं और माताओं-बहनों का अपमान किया। एकनाथ शिंदे ने आरोप लगाते हुए कहा कि वे मराठा समुदाय के आरक्षण को नष्ट करने के लिए जिम्मेदार हैं।

अब हम उस आरक्षण पाने की कोशिश कर रहे हैं, हमने उसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। साथ ही जस्टिस भोसले, शिंदे, गायकवाड़ समिति का गठन किया गया है। आयोग को युद्ध स्तर पर जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है। हमारी सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है,शिंदे ने यह भी स्पष्ट किया।

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