सत्ता खोने के डर से बौखला गई है भाजपा। शिर्डी में साईबाबा के दर्शन करने गये तो वहां शरद पवार का दर्शन की क्या जरुरत थी – शरद पवार
प्रधानमंत्री द्वारा शरद पवार पर टिप्पणी को लेकर भड़के उद्धव ठाकरे। कहा शरद पवार पर ऊँगली उठाने से पहले अपने किसानों के लिए क्या किया इसका जवाब दें
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – राकांपा सुप्रीमो शरद पवार को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा की गयी टिप्पणी पर शिवसेना युबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सीधे प्रधानमंत्री को घेरा है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद कभी किसानों के बारे में विचार नहीं किया। प्रधानमंत्री बतायें की पिछले 9 साल में केंद्र सरकार ने किसानों के लिए क्या विशेष किया है, केवल दूसरों पर आरोप लगाने से कुछ नहीं होगा।
एक कार्यक्रम के दौरान शिवसेना युबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री से सीधे सवाल करते हुए कहा कि शरद पवार देखेंगे की उन्होंने किसानों के लिए क्या किया है? यह किसानों और शरद पवार के बीच का मामला है, लेकिन प्रधानमंत्री बतायें की उन्होंने किसानों के लिए क्या किया है? उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री पर निशामा साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जवाब दें की उत्तर प्रदेश में किसान पुरे साल ठंढ, सर्दीली हवा और बरसात में सड़क पर क्यों बैठे रहे? सैकड़ो किसानों की मौत के बाद काला क़ानून क्यों वापस लिया गया?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी के बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री को अपने राजनितिक कद को ध्यान में रखते हुए बयान देना चाहिए। मुंबई में प्रेस वार्ता के दौरान शरद पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री का पद एक गरिमामय पद होता है, कोई भी बयान देने से पहले आप को अपनी गरिमा का ध्यान रखना चाहिए |मुझे नहीं पता की उन्होंने मुझे क्यों निशाना बनाया, लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें सही तरीके से जानकारी नहीं दी गई है। प्रधानमंत्री ने मुझ पर जो भी बयान दिया है, मैं प्रधानमंत्री के पद और उनकी गरिमा को ध्यान में रखते हुए ही उसका जवाब दूंगा।
ज्ञात हों कि केंद्र में यूपीए सरकार के कार्यकाल में शरद पवार केंद्रीय कृषि मंत्री रहे। शरद पवार पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि जहां भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार सक्रिय रूप से किसानों को सशक्त बना रही है, वहीं महाराष्ट्र में कुछ लोग किसानों का प्रतिनिधित्व करने की आड़ में राजनितिक गतिविधियों में लगे हुए थे ।
शरद पवार ने यह भी दावा किया कि सत्ता खोने के डर ने प्रधानमंत्री को ऐसी टिप्पणी करने के लिए प्रेरित किया होगा। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री शिर्डी साईबाबा के दर्शन के लिए गये थे, वहां शरद पवार के दर्शन करने की क्या जरुरत थी। यदि आप देशव्यापी तसवीरें देखे तो जहां भाजपा सत्ता में नहीं है या उनकी सरकार अन्य दलों में तोड़फोड़ के बाद आयी है, वहां वे कमजोर स्थिति में हैं। इसी कमजोरी और सत्ता खोने के डर ने प्रधानमंत्री को ऐसे बयान देने के लिए मजबूर किया होगा।