मनपा मुख्यालय बना भाजपा का गढ़
मंगलप्रभात लोढ़ा और दीपक केसरकर को मनपा मुख्यालय में ऑफिस देने पर सुलगी सियासत। नेता विपक्ष ने कहा हमें भी हॉल अलॉट करे मनपा आयुक्त
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – मुंबई शहर और उपनगरीय जिलों के संरक्षक मंत्रियों को मुंबई महानगर पालिका मुख्यालय में कार्यालय दिए गए हैं। इसी तर्ज पर विधान परिषद में नेता विपक्ष अंबादास दानवे ने मांग की है कि उन्हें भी मुंबई महानगर पालिका मुख्यालय में विपक्ष के नेता के रूप में एक कार्यालय दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी आलोचना की कि मुंबई महानगर पालिका के मुख्यालय में अभिभावक मंत्री का कार्यालय भाजपा का गढ़ बन गया है।
अंबादास दानवे ने मुंबई महानगर पालिका मुख्यालय का दौरा किया, इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने एक बार फिर उक्त मांग दोहराई। उपनगरीय जिला पालक मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा को 21 जुलाई को महानगर पालिका मुख्यालय के प्रथम तल पर एक कार्यालय दिया गया था। राजनीतिक हलकों, विशेषकर ठाकरे गुट ने इसका कड़ा विरोध किया था। विधायक आदित्य ठाकरे ने भी मांग की कि यह हॉल लोढ़ा को नहीं दिया जाना चाहिए। हालांकि मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने इस विवाद पर अपना पक्ष रखते हुए स्पष्ट किया था कि यह हॉल पालक मंत्री की मांग के कारण दिया गया था, साथ ही आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि शहरी जिले के पालक मंत्री मांग करते हैं, तो उन्हें भी हॉल दिया जाएगा। लोढ़ा को जुलाई माह में एक हॉल दिया गया था, उसके बाद अक्टूबर में शहर जिला संरक्षक मंत्री दीपक केसरकर को पहली मंजिल पर लोढ़ा के बगल में एक हॉल दिया गया है।
लोढ़ा को हॉल दिए जाने के बाद विपक्ष ने इसकी काफी आलोचना की थी, विपक्षी दल के जन प्रतिनिधियों ने भी आलोचना की कि लोढ़ा को हॉल देने के चलते भाजपा के पूर्व नगरसेवक को सही कार्यालय मिल गया। अब दानवे ने भी ऑफिस देने की मांग की है।
शिवसेना के दोनों गुटों के बीच विवाद के चलते मनपा मुख्यालय के सभी राजनीतिक दलों के दफ्तरों पर ताला लगा दिया गया था। इसलिए महानगर पालिका मुख्यालय में पूर्व पार्षदों का कोई कार्यालय नहीं है। लेकिन अब लोढ़ा के बाद केसरकर को हॉल देने के चलते शिंदे गुट के पूर्व नगरसेवकों को भी उनका वाजिब पद मिल गया है। दानवे ने आलोचना की है कि पालक मंत्री के कार्यालय में केवल भाजपा के पूर्व नगरसेवक हैं, इसलिए यह भाजपा का गढ़ बन गया है।