सुप्रीम कोर्ट ने फिर लगाई महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को फटकार, कहा टाइम शेड्यूल से हम संतुष्ट नहीं हैं
सॉलिसिटर जनरल ने कहा वे दशहरे की छुट्टियों में स्पीकर से बात कर रास्ता निकालेंगे। अब मामले की सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – महाराष्ट्र में विधायकों के अयोग्यता के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को अंतिम मौका देने की बात कहते हुए कहा कि विरोधी गुट (उद्धव ठाकरे) की तरफ से जो याचिकाएं दायर की गई हैं, उस पर फैसला लेने के लिए स्पीकर वास्तविक समयसीमा निर्धारित करें। अयोग्यता की याचिकाओं को जल्द निर्णय लिए जाने की जरूरत है।
महाराष्ट्र में विधायक अयोग्यता मामले की चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में सुनवाई हुई। इसमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दशहरे की छुट्टियों के दौरान मैं व्यक्तिगत रूप से स्पीकर से एंगेज रहूंगा और रास्ता निकालने में उनकी मदद करूंगा।
बेंच ने साफतौर पर कहा कि टाइम शेड्यूल से हम संतुष्ट नहीं हैं। सॉलिसिटर जनरल ने भरोसा दिया है कि वे दशहरे की छुट्टियों में व्यक्तिगत रूप से स्पीकर से बात करेंगे और रास्ता निकालेंगे।अब मामले की सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।
वहीं महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने 17 अक्टूबर को बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं पर कहा कि यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि किस घटनाक्रम को असंवैधानिक माना जाए।
नार्वेकर ने 21 सितंबर को कहा था कि मैं शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने में देर नहीं करूंगा, लेकिन इस मामले में जल्दबाजी भी नहीं करूंगा। जल्दबाजी करना मिसकैरेज ऑफ जस्टिस हो सकता है। मैं जो भी फैसला लूंगा, संवैधानिक होगा।
महाराष्ट्र में विधायकों के अयोग्यता मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार 13 अक्टूबर को सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में लगातार हो रही देरी पर महाराष्ट्र स्पीकर पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा कि कोई स्पीकर राहुल नार्वेकर को समझाए कि वे हमारे आदेश का उल्लंघन नहीं कर पाएंगे। कोई भी कार्यवाही महज दिखावा नहीं हो सकती।
विधानसभा स्पीकर ने मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के 3 दिन बाद पत्रकारों से बात करते हुए यह बातें कहीं थीं। सुप्रीम कोर्ट ने 18 सितंबर को शिवसेना शिंदे गुट के 16 और उद्धव गुट के 40 विधायकों की अयोग्यता पर सुनवाई की थी। कोर्ट ने अब विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि आप इस मामले पर फैसला लंबे समय तक टाल नहीं सकते। आपको इसकी समय सीमा तय करनी होगी।