राज्य सरकार में थोड़ी सी भी नैतिकता बची हो तो, अजित पवार क़ो तत्काल इस्तीफा देना चाहिए – नाना पटोले
पूर्व आईपीएस मीरा बोरवणकर के आरोपों के जरिये, नाना पटोले ने सरकार को घेरा। आरोपों की जाँच विद्यमान जज से कराने की उठायी मांग
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – पुणे के यरवडा स्थित पुलिस महकमे की सरकारी जमीन बेचने का आरोप अत्यंत गंभीर है, जो पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवणकर द्वारा लगाया गया है। मौजूदा उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने उक्त सरकारी जमीन निजी बिल्डर की जेब में डालने का प्रयास किया और इसके लिए हमपर दबाव बनाया गया। ऐसा गंभीर आरोप बोरवणकर ने सोमवार क़ो पत्रकार परिषद के दौरान किया है। मीरा बोरवणकर द्वारा किये गये इस गंभीर आरोप की उच्च न्यायालय के विद्यमान न्यायमूर्ती पृथ्वीराज चव्हाण द्वारा जाँच कराई जानी चाहिए और ज़ब तक जाँच पूरी नहीं हो जाती तब तक अजित पवार क़ो उपमुख्यमंत्री पद से हटाया जाना चाहिए। ऐसी मांग महाराष्ट्र प्रदेश काँग्रेस कमिटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने की है।
इस संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि मीरा बोरवणकर ने जो आरोप लगाया है कि तत्कालीन अभिभावक मंत्री यरवडा स्थित पुलिस विभाग की जमीन को निजी बिल्डर की जेब में डालने की कोशिश कर रहे थे, हम सरकार से विधानसभा सत्र के दौरान इसका जवाब मांगेंगे। लेकिन अगर वे जांच की मांग करते हैं, तो सरकार ही सरकार के खिलाफ जांच कैसे करेगी? नाना पटोले ने सरकार पर प्रहार करते हुए सवाल पूछा।
उक्त मामले में लगता है कि ‘दाल में कुछ काला है’ या पूरी दाल काली है। बोरवणकर ने अपनी किताब में इसका जिक्र किया था कि कैसे अजित पवार ने अपने करीबी बिल्डर शाहिद बलवा को सरकारी जमीन देने के लिए उन पर दबाव डाला था लेकिन सोमवार क़ो उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गंभीर आरोपों की पुष्टि कर दी है। पटोले ने यह भी कहा कि अगर सरकार में थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो उन्हें इस मामले की जांच हाई कोर्ट के विद्यमान जज से करानी चाहिए, तभी सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।