क्या ट्रिपल इंजन वाली सरकार में खुद को असहज महसूस कर रहे हैं उपमुख्यमंत्री अजित पवार?

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क्या ट्रिपल इंजन वाली सरकार में खुद को असहज महसूस कर रहे हैं उपमुख्यमंत्री अजित पवार?

अमित शाह के मुंबई दौरे के दौरान नदारद रहने पर, राजनितिक गालियारों में कयासों का बाजार गर्माया

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – पिछले करीब डेढ़ साल से राज्य की राजनीती में उथल – पथल का दौर जारी है। शिवसेना में हुईं बगावत के बाद शुरू हुईं हलचल राकांपा में पड़ी फूट तक जा पहुंची और अब ट्रिपल इंजन वाली एकनाथ शिंदे सरकार को लेकर भी कायस तेज हो गये हैं। शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मुंबई पहुंचे थे और इस दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनसे मुलाक़ात की थी। अमित शाह दोनों नेताओं के घर विराजमान गणपति के दर्शन के लिए भी गए, लेकिन इस बीच दूसरे उपमुख्यमंत्री अजित पवार इस कार्यक्रम से नदारद रहे। इसे लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है कि क्या वह इस गठबंधन में खुश नहीं हैं, और विकल्प पर विचार कर रहे हैं?

इन कयासों का जवाब अब खुद अजित पवार की ओर से आया है। उन्होंने कहा कि वह व्यस्त थे इसलिए अमित शाह के कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके। उन्होंने बताया कि वे बारमती में दुग्ध सहकारी संघो, मार्केट कमिटी और कोआपरेटिव हाउसिंग की मीटिंग में व्यस्त थे। उन्होंने यह भी बताया कि मैं शनिवार को कई संस्थाओं की सालाना आम सभा में शामिल हुआ था, जो पहले से तय थी। बारमती में हुए इन आयोजनों का एजेंडा 15 दिनों पहले ही तय हो गया था। मैंने इस बारे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दफ़्तर और मुख्यमंत्री – उपमुख्यमंत्री को भी जानकारी दी थी।

इस दौरान अजित पवार ने अपने भतीजे और शरद पवार के पोते रोहित पवार को अगला मुख्यमंत्री बताये जाने वाले पोस्टेरों पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के पोस्टर लगाने से कार्यकर्ता संतुष्ट हो सकते हैं, लेकिन इससे जनता को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। और न ही इससे कोई मकसद पूरा होने वाला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिसके पास 145 विधायकों का बहुमत होगा, वही मुख्यमंत्री बन सकता है, बाकि सब तो दिन के उजाले में सपना देखने जैसा है। बता दे कि शनिवार को बारामती में अजित पवार ने अपने समर्थकों को सम्बोधित करते हुए यह भी कहा दिया था कि मैं वित्त मंत्री भी हूँ। इसलिए लाभ दिलाने की मेरी पूरी कोशिश है, लेकिन मैं कब तक इस पद पर रहूँगा कह नहीं सकता।

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