मराठा आरक्षण मामले में बैकफुट पर राज्य सरकार। आंदोलनकारीयों से हुईं बर्बरता पर सरकार ने मांगी माफी
1 सितम्बर को हुए लाठीचार्ज को उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया दुर्भाग्य। लाठीचार्ज के मास्टरमाइंड की जाँच कराने का दिया भरोसा
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – राज्य की शिंदे – फडणवीस सरकार ने जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों पर शुक्रवार, 1 सितंबर को हुए लाठीचार्ज के लिए माफी मांगी है।
सोमवार को मराठा आरक्षण को लेकर कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जालना में जो कुछ भी हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था। हमले में निर्दोष लोग घायल हुए, मैं सरकार की ओर से माफी मांगता हूं।
फडणवीस ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई है, जिसमें संभाजी राजे, उदयनराजे और माराठा संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे। फडणवीस ने कहा मैं महाराष्ट्र सरकार के पिछले कार्यकाल में राज्य का गृहमंत्री था। मराठा संगठनों की ओर से 2000 से अधिक विरोध प्रदर्शन किए गए थे। मैं जालना में जो कुछ भी हुआ है उसके लिए बतौर गृहमंत्री माफी मांगता हूं।
घटना को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है और पूरे मामले पर राजनीति की रोटी सेंकी जा रही है। जालना में हिंसा को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ एक नैरेटिव सेट किया जा रहा है और यह बताने का प्रयास किया जा रहा है कि राज्य सरकार ने लाठीचार्ज करने का निर्देश दिया था, लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि सरकार की ओर से ऐसे कोई भी निर्देश नहीं दिए गए थे। इसे केवल SP स्तर के अधिकारी दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रदर्शनकारियों से धैर्य रखने का अनुरोध करते हुए कहा कि हम सब आपके साथ हैं। प्रदर्शनकारी आरक्षण पर राजनीति करने वालों से सावधान रहें। जालना में पुलिस विभाग में कई बदलाव किए जा रहे हैं। लाठीचार्ज की जांच की जा रही है और जो भी इसके लिए जिम्मेदार हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं राज्य सरकार की बैठक से पहले मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने शिंदे सरकार को दो दिनों के भीतर मराठा आरक्षण की घोषणा करने का अल्टीमेटम दे दिया। मराठा मोर्चा के संयोजक मनोज जरांगे ने कहा कि राज्य सरकार को दो दिनों के भीतर मराठा आरक्षण को लागू भी करना होगा।
इस बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने जालना में मनोज जरांगे से मुलाकात की और कहा कि आंदोलनकारियों पर लाठी और बंदूक से हमला करने वाले नेताओं को मराठवाड़ा में घुसने नहीं देना चाहिए। राज ठाकरे ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के लिए सरकार पर आरोप लगाया और माफी की मांग की।
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जालना में 29 अगस्त से मराठा मोर्चा के संयोजक मनोज जरांगे समेत 10 लोग भूख हड़ताल पर बैठे हैं। 1 सितम्बर को पुलिस ने उनके स्वास्थ्य को देखते हुए धरना खत्म करने के लिए उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई। पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें 20 प्रदर्शनकारी घायल हो गए। लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें 18 पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई थी।