घोटाला या प्रशासन की लापरवाही, जाँच का विषय। बृहंमुंबई महानगर पालिका तिगुने दामों पर मेडिकल इक्विपमेंट खरीदने पर मजबूर 

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घोटाला या प्रशासन की लापरवाही, जाँच का विषय। बृहंमुंबई महानगर पालिका तिगुने दामों पर मेडिकल इक्विपमेंट खरीदने पर मजबूर 

केंद्रीय खरीद विभाग द्वारा अस्पताल के लिए उपयोगी वस्तुओं की खरीद नहीं होने के चलते मनपा ने उठाया कदम 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – मुंबई महानगर पालिका प्रशासन ने अपने अस्पतालों के लिए दवाएं, उपकरण और सामग्री खरीदने की जिम्मेदारी केंद्रीय खरीद विभाग को सौंपी है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से केंद्रीय खरीद विभाग में ही अव्यवस्था है, जिसके कारण अस्पतालों को समय पर पर्याप्त दवाएं नहीं मिल पातीं, नतीजा यह है कि अस्पतालों में दवाओं की कमी हो गयी है। अस्पताल स्थानीय स्तर पर दवाएं खरीद रहे हैं ताकि वे मरीजों को दवाएं उपलब्ध करा सकें। हालांकि अस्पतालों को ये दवाएं केंद्रीय खरीद विभाग द्वारा तय दर से तीन से पांच गुना अधिक दर पर खरीदनी पड़ रही हैं।

मुंबई महानगर पालिका के अस्पतालों में दवाओं की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त आयुक्त सुधाकर शिंदे ने सभी वितरकों के साथ बैठक की। इस अवसर पर शिंदे ने सभी वितरकों से 2019-20 के दर समझौते के अनुसार अगले तीन से चार महीनों के लिए दवाओं की आपूर्ति करने का अनुरोध किया। अस्पतालों में सर्जरी के दौरान आवश्यक सामग्री की कमी को देखते हुए डॉ. शिंदे ने वितरकों से 2019-20 के दर समझौते के अनुसार अनुसूची 11 में 17 सामग्रियों की आपूर्ति करने का अनुरोध किया है। 2019-20 के लिए दर समझौता दिसंबर 2022 में समाप्त हो गया है। हालांकि केंद्रीय खरीद एजेंसी की ओर से अभी तक नये रेट एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया पूरी नहीं की गयी है, इसलिए अस्पतालों को स्थानीय स्तर पर दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। ये दवाएं निर्धारित रेट अनुबंध मूल्य से तीन से पांच गुना अधिक दाम पर खरीदी जा रही हैं।

आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति नहीं होने से डॉक्टरों को मरीजों को बाहर से सामान लाने का निर्देश देना पड़ रहा है, इससे मरीजों को आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। साथ ही अस्पताल मरीजों के लिए स्थानीय स्तर पर कुछ दवाएं और सामग्री भी खरीद रहे हैं। अधिकांश रोगी के प्रवेश के लिए IV सेट का उपयोग किया जाता है। केंद्रीय खरीद सेल ने रेट एग्रीमेंट के तहत इस सेट की कीमत 5.89 रुपये तय की है, लेकिन स्थानीय स्तर पर अस्पताल 15.58 रुपये में आईवी सेट खरीद रहे हैं। इसी तरह यूरिन बैग भी 15.35 रुपये की जगह 53.02 रुपये में खरीदना पड़ रहा है।

शिशु आहार ट्यूब 3.88 रुपये के बजाय 39.20 रुपये, पीवीसी एंडो ट्रेकिअल ट्यूब प्लेन 19.85 रुपये के बजाय 156.80 रुपये, रक्त आधान सेट 7.88 रुपये के बजाय 23.52 रुपये, वायुमार्ग प्लास्टिक 14.08 रुपये के बजाय 49.28 रुपये, सक्शन कैथेटर निपटान लागत रुपये 4 रुपये की जगह 19.88 रुपये, कॉर्ड क्लैंप की कीमत 1.48 रुपये की जगह 9.52 रुपये है। केंद्रीय खरीद विभाग के अधिकारियों के कुप्रबंधन के कारण नागरिकों के साथ-साथ मुंबई मनपा प्रशासन को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है।

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