अपर वर्धा परियोजना से प्रभावित किसानों ने मंत्रालय में मचाया उत्पात
मंत्रालय की जाली पर कुदे 20-25 किसान, सुरक्षा कर्मियों के फुले हाथ पैर। सरकार की अनदेखी के चलते मोसम्बी के किसानों ने उठाया कड़ा कदम
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : अपर वर्धा परियोजना से प्रभावित किसानों ने मंत्रालय पहुंचकर सुरक्षा जाली पर कूदकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान लगभग 20 से 25 लोग सुरक्षा जाली को पार कर गए और सरकार से ‘हमें न्याय दीजिये’ की मांग की। इसी दौरान मंत्रालय में तैनात पुलिसकर्मियों में भगदड़ मच गई। चूंकि कई मंत्री अपने केबिन में बैठे थे, वे भी अपनी कुर्सियां छोड़कर मौके पर पहुंचे। लोक निर्माण मंत्री दादाजी भुसे ने बीच-बचाव की कोशिश की, तब तक पुलिस ने भी हस्तक्षेप किया और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। इस बीच संबंधित बांध पीड़ित पिछले कई दिनों से न्याय की मांग कर रहे थे, जिसके लिए वे अमरावती में प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन जब शासन-प्रशासन ने उनकी ओर से आंखें मूंद लीं तो चिंतित किसानों ने आक्रामक रुख अपना लिया और सीधे मंत्रालय में ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
मोर्शी तालुका में अपर वर्धा बांध के दरवाजे एक साथ खुलने के कारण बांध से सटे सिंभोरा, भम्बोरा, येवती गांवों के किसानों की 100 एकड़ से अधिक खेती में हर साल बाढ़ आती है। इससे मोसंबी की फसलें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। किसान पिछले 15 वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। पिछले कई दिनों से आंदोलन चल रहा है लेकिन जब कोई इस पर ध्यान नहीं दे रहा था तो नाराज किसानों ने सीधे मंत्रालय का रुख अपनाया।
पिछले 15 वर्षों से इस जमीन का मुआवजा और भूमि अधिग्रहण की मांग को लेकर किसान कई बार सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने का प्रयास कर चुके हैं। लेकिन सरकार नींद से नहीं जगी
इसलिए अगले कदम के तौर पर बांध पीड़ितों ने सीधे मंत्रालय में ही विरोध प्रदर्शन किया। मंगलवार दोपहर करीब 3:00 बजे 20 से 25 प्रदर्शनकारी मंत्रालय के सुरक्षा घेरे को पार कर गए और हमें न्याय दो… हमें न्याय दो के नारे लगाए। किसी को तुरंत इस बात का अंदाजा नहीं था कि वास्तव में क्या हो रहा है। लेकिन जैसे ही आंदोलनकारीयों ने मंत्रालय में लगी जाली पर कूदना शुरू किया, पुरे मंत्रालय में भगदड़ मच गई। मंत्रालय में बैठे मंत्री भी मौके पर पहुंचे। तब तक पुलिस ने हस्तक्षेप कर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया था।