टीएमटी कर्मचारियों ने उठाया आंदोलन का हथियार, मांगे पूरी नहीं होने पर दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
यूनियन के सलाहकार खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, फिर भी करोड़ों के बकाये के भुगतान में देरी पर भड़के कर्मचारी
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
ठाणे : राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के जिस टीएमटी कर्मचारी संघ के सलाहकार हैं उसी के कर्मचारियों ने आंदोलन का हथियार उठा लिया है। 245 करोड़ रुपये का देय बकाया होने के चलते नाराज कर्मचारियों ने परिवहन समिति की बैठक में अपना गुस्सा जाहिर किया। इस दौरान परिवहन अध्यक्ष ने इन सभी कर्मियों को समझाया, इससे प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने अपनी मांगों की घोषणा की और कुछ समय के लिए विरोध प्रदर्शन स्थगित कर दिया। हालांकि बकाया राशि का भुगतान नहीं होने पर कर्मचारियों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
टीएमटी कर्मचारी संघ की स्थापना 1989 में शिवसेना के दिवंगत ठाणे जिला प्रमुख आनंद दिघे की संकल्पना से की गई थी। आनंद दिघे के निधन के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने संगठन की कमान संभाली, मुख्यमंत्री शिंदे ने परिवहन कर्मचारियों की विभिन्न मांगों, अतिदेय सब्सिडी, बोनस आदि के संबंध में हमेशा सकारात्मक रुख अपनाया। हालांकि 613 कर्मचारियों को बरकरार रखने, गारंटीकृत वेतनमान का लाभ देने, सातवें वेतन आयोग को लागू करने और विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की पदोन्नति की मांगें पूरी नहीं होने पर टीएमटी कर्मचारियों को आखिरकार गुरुवार को विरोध प्रदर्शन का आह्वान करना पड़ा।टीएमटी के वागले आगर में जब परिवहन समिति की बैठक चल रही थी, तो नाराज कर्मचारियों ने परिवहन समिति के अध्यक्ष विलास जोशी और परिवहन प्रबंधक भालचंद्र बेहेरे के सामने मांगों की एक सूची जाहिर की।
टीएमटी कर्मचारियों की विभिन्न मांगे इस प्रकार हैं जनवरी 2016 से बकाया महंगाई भत्ता तत्काल देने, 2011 से बकाया सार्वजनिक छुट्टी का वेतन मिलने, साल 2000 से बकाया चिकित्सा भत्ता, अवकाश यात्रा भत्ता बकाया जो अप्रैल 2019 से बकाया है उसका भुगतान, 2017 से बकाया शैक्षिक भत्ता, 2010 से बकाया पूरक प्रोत्साहन भत्ता और साल 2006 से 2011 तक छठे वेतन आयोग की बकाया राशि देना।
ठाणे परिवहन सेवा के माध्यम से ठाणेकरों को कैसे सेवाएं प्रदान की जाती हैं, इस विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर को बुलाने पर परिवहन सदस्यों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। ठाणे परिवहन सेवा को सक्षम बनाने के लिए परिवहन सदस्यों और टीएमटी अध्यक्ष का योगदान महत्वपूर्ण है तो इसका श्रेय अकेले मनपा आयुक्त को क्यों? इस संबंध में सदस्यों ने समिति की बैठक में मनपा आयुक्त से मिलकर उन्हें पत्र देने की भी मांग की है।