कंडोमपा क्षेत्र में पीओपी से बनी गणेश और देवी की प्रतिमाओं पर पूर्ण बैन 

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कंडोमपा क्षेत्र में पीओपी से बनी गणेश और देवी की प्रतिमाओं पर पूर्ण बैन 

महानगर पालिका आयुक्त नें जारी किया आदेश, केंद्रीय एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नई गाइडलाइन का दिया हवाला

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

कल्याण – कल्याण डोंबिवली महानगर पालिका प्रशासन ने बुधवार को गणेशोत्सव के दौरान गणेश मूर्तियों और कल्याण डोंबिवली महानगर पालिका सीमा में नवरात्रि उत्सव के दौरान देवी की प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी मूर्तियों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। आयुक्त एवं प्रशासक डाॅ. भाऊसाहेब दांगड़े ने बुधवार को उक्त आदेश की घोषणा की। केंद्रीय, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नई गाइडलाइन के मुताबिक मूर्ति में पीओपी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है, इसलिए कल्याण डोंबिवली कंडोमपा क्षेत्र के मूर्तिकारों को नवरात्रि उत्सव के दौरान शाडू, पर्यावरण-अनुकूल गणेश मूर्तियों, देवी मूर्तियों को बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आयुक्त ने कहा कि यदि इस आदेश का उल्लंघन किया गया तो संबंधित के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी।

मूर्तिकारों को पानी में घुलनशील पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियां बनाने पर ध्यान देना चाहिए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश के अनुसार कंडोमपा क्षेत्र में मूर्तिकारों, निर्माताओं, विक्रेताओं को महानगर पालिका के साथ पंजीकरण कराना आवश्यक है। पंजीकरण की प्रक्रिया महानगर पालिका के वार्ड कार्यालय में की जाएगी। अनुमति नहीं लेने वाले मूर्तिकारों, विक्रेताओं, निर्माताओं को महानगर पालिका सीमा के भीतर मूर्तियां बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आयुक्त ने चेतावनी दी है कि यदि किसी विक्रेता ने महानगर पालिका को अंधेरे में रखकर अवैध रूप से गणेश, देवी की मूर्तियां बेचने की कोशिश की तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मूर्तिकारों, विक्रेताओं, निर्माताओं को अपनी दुकान, कारखाने के सामने महानगर पालिका द्वारा अनुमोदित पंजीकरण की एक प्रति लगानी चाहिए। भक्तों को इन मूर्तियों को महानगर पालिका द्वारा बनाई गई कृत्रिम झील में विसर्जित करना चाहिए। किसी को भी खाड़ियों, नदियों, झरनों में कूड़ा डालकर प्राकृतिक संसाधनों को अवरुद्ध करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। जल प्रदूषण को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। उत्पादकों और विक्रेताओं को इस पर ध्यान देना चाहिए। कमिश्नर ने स्पष्ट किया है कि पर्यावरण अनुकूल मूर्तियों को प्राथमिकता दी जाए।

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