विधानसभा में अजित पवार का दो टूक जवाब, कहा विधायक निधि आवंटन में मवीआ सरकार का ही फार्मूला अपनाया
पुणे में ओलम्पिक भवन निर्माण और बोरीवली में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा लगाने का मवीआ नें किया था विरोध। कांग्रेस को आत्मचिंतन की जरुरत
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : राज्य में महाविकास अघाड़ी सरकार के कार्यकाल के दौरान बोरीवली में पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा स्थापित करने और पुणे में ओलंपिक भवन निर्माण को अनुमति नहीं दी गई थी। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा कि हमें दूसरों से सकारात्मकता की उम्मीद करणे से पहलें खुद का आत्मचिंतन करना चाहिए, चार दिन सास के होते हैं, तों आगे चार दिन बहू के भी होते हैं। अजित पवार मे यह भी स्पष्ट किया कि हम सत्ता का कोई ताम्र पत्र लेकर नहीं आये हैं, जब तक हमें जनता का समर्थन मिलेगा हम सत्ता में बने रहेंगे।
उन्होंने विपक्ष से कहा कि सरकार ने विधायकों को धन के आवंटन में 2019 से अपनाए गए उसी फॉर्मूले को बरकरार रखा है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया है। राज्य सरकार द्वारा विपक्षी दलों के विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों को पर्याप्त धनराशि आवंटित नहीं किये जाने के कारण विपक्ष ने विधानसभा में आक्रामक रुख अपनाया। राज्य सरकार ने 41 हजार 243 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांगें विधानसभा में पेश की हैं और इन्हें बहुमत से मंजूरी मिल गयी है। अन्य विधानसभा सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर अजित पवार ने प्रत्यत्तर दिया। फिर पवार ने महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान सरकार में काम करने के अपने अनुभव को साझा किया।
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की तरह ही अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व का भी सभी सम्मान करते थे। लेकिन फिर भी सांसद गोपाल शेट्टी की पहल पर बोरीवली में स्थापित की गई प्रतिमा को अनुमति नहीं दी गई। पवार ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को याद दिलाते हुए कहा कि ऑडियो-विजुअल के जरिए हुई उस बैठक में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, देवेंद्र फड़णवीस, गोपाल शेट्टी और मैं खुद मौजूद था।
अजित पवार नें विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक यशोमति ठाकुर ने विपक्षी विधायकों से फंड आवंटन समेत अन्य मुद्दों को लेकर शिकायत की थी, इस पर पवार नें कहा कि अपना चश्मा बदलो और मुझे सौतेले भाई की तरह मत देखो, मैं एक भाई की तरह तुम्हारी तरफ हाथ बढ़ाऊंगा।