सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर भाजपा विधायक की बेतुकी टिप्पणी
मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में मुख्य न्यायाधीश के भूमिका की आलोचना। अतुल भातखलकर ने कहा सुप्रीम कोर्ट को देश चलाना चाहिए
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – मणिपुर में दो महिलाओं को सामूहिक बलात्कार के बाद निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने का वीडियो वायरल होने के बाद देशभर से गुस्से भरी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने खुद इस वीडियो पर संज्ञान लिया और मणिपुर सरकार को चेतावनी दी कि अपराधियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें, अन्यथा हमें कार्रवाई करनी पड़ेगी। हालांकि, चीफ जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ की भूमिका पर भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने बयान दिया है कि देश को सुप्रीम कोर्ट को चलाना चाहिए।
अतुल भातखलकर ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को सरकार का काम करना है तो सुप्रीम कोर्ट को देश चलाना चाहिए। हमें चुनाव और संसद की आवश्यकता क्यों है? अगर कुर्सी पर बैठकर कानून-व्यवस्था का आदेश पारित किया जाएगा तो देश कैसे सुचारू रूप से चल सकता है?
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ढाई महीने में पहली बार मणिपुर में हुई हिंसा पर सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया दी, इस पर विपक्ष ने मोदी को घेरा। कांग्रेस की ओर से इस बात की भी आलोचना की गई कि सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद मोदी ने चुप्पी छोड़ दी और प्रतिक्रिया दी। इसके बाद अब भाजपा नेता भातखलकर ने यह बयान दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र करने की घटना के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकार को सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा था कि हम सरकार को कार्रवाई के लिए कुछ समय देंगे, अन्यथा हम खुद कदम उठाएंगे। हमें वह वीडियो देखकर दुख हुआ है, हम इसे लेकर चिंतित हैं। सरकार को आगे आकर कदम उठाना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए।
अदालत को ऐसी हिंसा के खिलाफ अपराधियों पर मामला दर्ज करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में सूचित किया जाना चाहिए। मीडिया में वीडियो में जो दिख रहा है, वह तथ्यों से उलट है। महिलाओं को हिंसा के साधन के रूप में इस्तेमाल करना और मानव जीवन का उल्लंघन करना संवैधानिक लोकतंत्र के खिलाफ है, मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ ने कहा। साथ ही इस संबंध में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दें। हम संबंधित पर कार्रवाई के लिए कुछ समय देंगे। अन्यथा हमें स्वयं ही कदम उठाना होगा। हम इस मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए उठाएंगे चंद्रचूड़ ने यह भी बताया।