देवेंद्र फडणवीस की कठपुतली थे तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह। फडणवीस के ही इशारे पर एंटीलिया पहुंचा था विस्फोटक – नाना पटोले
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का गंभीर आरोप। मवीआ सरकार को बदनाम करने के पीछे मास्टरमाइंड रहे देवेंद्र फडणवीस
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की उगाही का आरोप लगाते हुए मुकेश अंबानी के एंटीलिया आवास के सामने विस्फोटकों से भरी कार खड़ी कर महाविकास अघाड़ी को बदनाम करने की साजिश रची गई थी, और इन सबके पीछे मास्टरमाइंड केवल देवेंद्र फडणवीस थे। मैंने विधानसभा में भी यह बात कही थी। नाना पटोले ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि अब बात साफ हो गई है। देखना यह होगा कि देवेंद्र फडणवीस इस संबंध में कोई जवाब देते हैं या नहीं।
यह भी साफ है कि परमबीर सिंह देवेंद्र फडणवीस की कठपुतली थे। शिंदे-फडणवीस सरकार ने परमबीर सिंह को उनकी मदद के बदले कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना उनका निलंबन रद्द करने और उन्हें सेवा में बहाल करने में मदद की है। ऐसा आरोप नाना पटोले ने लगाया है।
कैट के आदेश में यह स्पष्ट उल्लेख है कि माननीय बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सीबीआई को स्पष्ट आदेश दिया था कि वह परमबीर सिंह के खिलाफ जांच और चार्जशीट दायर करने के साथ-साथ विभागीय जांच करे। लेकिन शिंदे फडणवीस सरकार ने ऐसा नहीं किया। परमबीर सिंह को निलंबित कर दिया गया था, लेकिन हर तीन महीने में उनके निलंबन की समीक्षा करना और निलंबन को बढ़ाना जरूरी था। हालाँकि, शिंदे फडणवीस सरकार ने न तो परमबीर सिंह की विभागीय जाँच की और न ही उनके निलंबन को बढ़ाया। इसलिए कैट ट्रिब्यूनल के समक्ष सुनवाई में राज्य सरकार के रुख से परमबीर सिंह को राहत मिली।
25 फरवरी 2021 को शाम करीब 6:30 से 7:30 बजे के दरमियान मशहूर उद्यमी मुकेश अंबानी के एंटीलिया घर के पास एक संदिग्ध कार मिली। इस कार के बारे में जैसे ही पुलिस को जानकारी मिली वह तुरंत मौके पर पहुंची और कार की जांच की। तभी कार में जिलेटिन की कुछ छड़ें बरामद हुईं।
जब इसकी जानकारी मीडिया के सामने आई तो पूरे देश में हड़कंप मच गया। इतना ही नहीं उसी दिन पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज भी हाथ लगा। इसमें पता चला कि एक व्यक्ति ने एंटीलिया के बाहर स्कॉर्पियो कार खड़ी की थी और फिर पीछे खड़ी इनोवा कार में बैठकर चला गया।
इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस मामले को जांच के लिए मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है। तब इस मामले के जांच अधिकारी सचिन वझे थे।