प्रशिक्षण केंद्र में अचानक फीस बढ़ाए जाने से विद्यार्थियों में मची खलबली

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प्रशिक्षण केंद्र में अचानक फीस बढ़ाए जाने से विद्यार्थियों में मची खलबली

विद्यार्थियों ने किया मनपा मुख्यालय का घेराव

बिना टेंडर के निजी संस्था को दिया गया प्रशिक्षण केंद्र का ठेका

ज़रूरी सुविधाएं नदारद,छात्रों की शिक्षा में पड़ रहा खलल

कल्याण – कल्याण पश्चिम के सहजानंद चौक स्थित केडीएमसी के परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र में अचानक फीस बढ़ोत्तरी का नोटीस लगा दिए जाने से विद्यार्थियों में खलबली मच गई। गुरुवार को परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र में अभ्यास करने वाले 70-80 विद्यार्थी महापालिका में आकर मनपा मुख्यालय का घेराव किया, और अधिकारियों से शिकायत की। बतादें कि स्व.परांजपे प्रशिक्षण केंद्र केडीएमसी प्रशासन द्वारा महज़ 200 रुपये फीस लेकर गरीब विद्यार्थियों को यूपीएससी आदि के लिए प्रशिक्षित किया जाता था, लेकिन बुधवार को गणेश इंटरप्राइजेज नामक संस्था ने नोटिस लगाकर एक हज़ार रुपये डिपाजिट और 500 महीना फीस भरने का फरमान जारी कर दिया, जिससे विद्यार्थियों में खलबली मच गई। विद्यार्थियों ने इसकी शिकायत मनपा अधिकारियों से की, लेकिन जब अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया तो वे कल्याण के पूर्व विधायक एवं मनसे के जिलाध्यक्ष प्रकाश भोईर के पास गए और उन्हें सारी बात बताई। गुरुवार को विद्यार्थियों को लेकर प्रकाश भोईर मनपा मुख्यालय पहुंचे और मालमत्ता की उपायुक्त वंदना गुलवे से मुलाकात कर प्रशिक्षण केंद्र को निःशुल्क करने की मांग की।

प्रशिक्षण केंद्र से नदारद ज़रूरी सुविधाएं-

विजय तोंडे नामक विद्यार्थी ने बताया कि उल्हासनगर एवं अंबरनाथ का प्रशिक्षण केंद्र पूरी तरह निशुल्क है। केवल कल्याण में ही विद्यार्थियों से फीस लिया जा रहा है। तोंडे ने यह भी कहा कि प्रशिक्षण केंद्र में पीने का पानी तक नहीं है। हम विद्यार्थियों को इधर-उधर से पानी लेकर पीना पड़ता है। साथ ही एक ही टॉयलेट है जिसका उपयोग युवक-युवतियां दोनों को करना पड़ता है। विजय तोंडे ने कहा कि टॉयलेट पूरी तरह से गंदा रहता है और समय पर उसकी सफाई भी नहीं होती जिसको लेकर विद्यार्थी परेशान है।

बिना टेंडर के दिया गया ठेका-

यह प्रशिक्षण केंद्र मनपा प्रशासन खुद अपनी देख-रेख में चला रही थी। छात्रों का आरोप है कि टेंडर की प्रक्रिया पूरी किए बिना ही प्रशिक्षण केंद्र को एक निजी संस्था को चलाने के लिए ठेका दे दिया गया। प्रशासन की तरफ से न कोई नियमावली जारी की गई, और ना ही कोई रेट बोर्ड लगाया गया। आज आलम यह है कि ठेकेदार द्वारा मनमानी किया जा रहा है।

कमेंट- इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। सज्ञान में आ गया है। जानकारी लेकर देखता हूं क्या मामला है।

मंगेश चितले, अतिरिक्त आयुक्त,केडीएमसी.

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