ठाणे शहर की 10 हजार से अधिक महिलाओं को मिला स्वरोजगार का मौका
कलवा, दिवा और मुंब्रा में आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को धर्मवीर आनंद दिघे स्वयंरोजगार योजना के अंतर्गत बांटी गई घरघंटी और सिलाई मशीन
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
ठाणे – ठाणे महानगर पालिका क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और विधवाओं के लिए लागू की जा रही धर्मवीर आनंद दीघे स्वरोजगार योजना के लिए महानगर पालिका को 13,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 10,088 महिलाएं इस योजना के लिए योग्य पायी गई हैं। इन महिलाओं को घरघंटी और सिलाई मशीनें वितरित की जाएंगी और पहला चरण मंगलवार को खारेगांव क्षेत्र में लागू किया गया।
ठाणे महानगर पालिका के समाज कल्याण विकास विभाग और महिला बाल कल्याण विभाग के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए हर साल विभिन्न योजनाएं लागू की जाती हैं। इन महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से योजनाएं संचालित की जा रही हैं और इसी उद्देश्य से घरघंटी, सिलाई मशीन और मसाला पीसने वाले यंत्र का वितरण किया गया। इस योजना के लिए महानगर पालिका प्रशासन शहर की आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं से आवेदन आमंत्रित करता है। इन आवेदनों की जांच की जाती है और पात्र महिलाओं की सूची तैयार कर उन्हें योजना का लाभ दिया जाता है।
इस योजना के तहत, मुंबई महानगर पालिका ने विधवाओं, परित्यक्ता, तलाकशुदा, 40 वर्ष से अधिक की अविवाहित महिलाएं, मिल श्रमिक, देवदासी, गरीबी रेखा से नीचे प्रमाण पत्र धारक, सामान्य महिलाएं और ऐसी महिलाएं जिनके पति की कोरोना बीमारी के कारण मृत्यु हो गई है, को शामिल किया गया है। तत्कालीन महापौर नरेश म्हस्के ने मांग की कि ठाणे महानगर पालिका को इस योजना को लागू करना चाहिए और इसका नाम ‘धर्मवीर आनंद दिघे स्वयंरोजगार योजना’ रखना चाहिए। इस मांग को स्वीकार करते हुए ठाणे महानगर पालिका ने योजना के लिए आवेदन मंगाए थे।
इस योजना के लिए 13 हजार 638 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 10 हजार 88 आवेदन पात्र हुए हैं। इन महिलाओं को घरघंटी और सिलाई मशीनें वितरित की गई। इसका पहला चरण मंगलवार को खारेगांव क्षेत्र में लागू किया गया और मनपा सूत्रों ने बताया कि सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे द्वारा कलवा, दिवा, मुंब्रा इलाके की ढाई से तीन हजार महिलाओं को घरघंटियां और सिलाई मशीनें बांटी गई।