शिवसेना मेरा सब कुछ और शिव सैनिक मेरे परिवार। मैंने अपना पूरा जीवन उन्हें समर्पित किया। लेकिन एक पिता-पति के रूप में मैं फेल हो गया, मैं अपने परिवार की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका, इसका मुझे अफसोस है – एकनाथ शिंदे
लोकसभा चुनाव से पहले शिंदे पिता – पुत्र की भावुकता, राजनीती या वास्तविकता। शिवसेना के दो दिवसीय कान्वेंशन में भावुक हुए पिता – पुत्र
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कोल्हापुर में आयोजित शिवसेना के दो दिवसीय कन्वेंशन के दौरान कहा कि एक पिता-पति के रूप में मैं फेल हो गया। शिंदे ने कहा कि मैं अपने परिवार की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका, मुझे इसका अफसोस है।
शिंदे ने कहा कि बेटे श्रीकांत शिंदे के भाषण से मुझे परिवार के दुखों का एहसास हुआ। श्रीकांत ने मेरी आंखें खोलीं। मैं जब घर जाता था, तो बच्चे सो जाते थे। मैं अपने बेटे से हर महीने मिल नहीं पाता था। अपने परिवार के बारे में बात करते हुए शिंदे भावुक नजर आए।
शिंदे का ये बयान उनके बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे के बयान के अगले दिन आया है। श्रीकांत ने कहा था कि मेरे पिता काम में इतने व्यस्त रहते थे, उनके पास परिवार के लिए कभी समय नहीं था। मैं मां से शिकायत करता था कि पापा मुझे समय नहीं देते।
श्रीकांत शिंदे ने शिवसेना के कन्वेंशन में भाषण के दौरान ये बातें कहीं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी वहीं मौजूद थे। इस दौरान पिता-पुत्र, दोनों भावुक हो गए। श्रीकांत कल्याण लोकसभा सीट से शिवसेना के सांसद हैं। 2014 में उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा। तब वे आर्थोपेडिक्स से पोस्ट ग्रेजुएशन (MS) कर रहे थे।
बेटे की बातों पर शिंदे ने कहा कि श्रीकांत के पास हमसे जुड़ी कोई यादें नहीं है। अगर कोई उनसे उनके माता-पिता के साथ गुजारे बचपन की यादों के बारे में पूछे तो वह बता नहीं सकते। जब उन्होंने MBBS किया तब भी मैं नहीं गया। श्रीकांत को एक शिक्षित युवा के रूप में राजनीति में लाया गया, उन्होंने सांसद बनने के बाद MS की पढ़ाई पूरी की।
इससे पहले एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक भी पोस्ट कर लिखा था कि शिवसेना मेरी सब कुछ थी, शिव सैनिक मेरे परिवार थे। मैंने अपने पूरा जीवन उनके लिए काम किया। मुझे नहीं पता था कि आगे क्या होगा। मैं हमेशा आगे की सोच रखने वाला हूं। मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।