भिवंडी के युवाओं में बढ़ती नशे की आदत बनी चिंता का विषय, 3 दिन में 33 नशेड़ी गिरफ्तार

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भिवंडी के युवाओं में बढ़ती नशे की आदत बनी चिंता का विषय, 3 दिन में 33 नशेड़ी गिरफ्तार

भिवंडी – भिवंडी शहर के युवाओं में इन दिनों गांजा के नशे की बढ़ती आदत शहर और समाज के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। इस नशे की गिरफ्त में युवा से लेकर हर वर्ग के लोग फंस रहे है।शहर के गली मोहल्लों विशेष कर स्लम एरिया में आसानी से मिलने वाले गांजे के कारण नशेड़ियों की संख्या में दिनोदिन इजाफा हो रहा है। पुलिस ने 3 दिन में 33 लोगों को गांजा पीते हुए गिरफ्तार किया है, उक्त कार्रवाई निरंतर जारी है। इसके बावजूद गांजा माफिया पर कार्रवाई न किए जाने से इस नशे पर अंकुश नहीं लग रहा है।

भिवंडी पुलिस उपायुक्त नवनाथ ढवले ने गैर कानूनी तरीके से नशा माफियाओं पर कड़ाई कर उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई करने के लिए सख्त आदेश दिया है। जिसके कारण भिवंडी पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर नशाखोरी में लिप्त लोगों की धरपकड़ शुरू की है।पिछले 3 दिनों में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में गांजा का सेवन कर रहे 33 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। जिसमें शांतिनगर पुलिस स्टेशन अंतर्गत से 11, कोनगांव पुलिस स्टेशन हद से 02, नारपोली पुलिस स्टेशन हद से 8 निज़ामपुरा पुलिस स्टेशन क्षेत्र से 7 तथा भिवंडी शहर पुलिस स्टेशन क्षेत्र से 5 चिलमबाजों सहित कुल 33 लोग शामिल है। सूत्रों के अनुसार यह नशाखोर बीड़ी, सिगरेट अथवा चिलम में गांजा भर कर पीते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार हुए है। किन्तु इन्हें गांजा बिक्री करने वाले एक गांजा विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। जिसके कारण आज भी कई स्थानों पर बेखौफ होकर गांजा बिक्री का कारोबार शुरू है। शहर में गांजा बेचने वाले बड़े तादात में सक्रिय है। जिनसे नशा करने वाले लोगों को बड़ी आसानी से गांजा उपलब्ध हो जाता है। सूत्र बताते है कि इस नशे को “पु़ड़िया” का नाम दिया गया है। गांजा खरीदने वाले पुड़िया के नाम से इसे गांजा बेचने वाले के पास से खरीदा करते है जबकि एक पुड़िया की कीमत 50 से 100 रूपये के बीच होती है। इस पुड़िया में कुछ ग्राम ही गांजा रहता है। इसके चाहने वालो की संख्या शहर में दिन बा दिन बढ़ती जा रही है। हालांकि पुलिस विभाग आए दिन छोटे-मोटे गंज बेचने वालों की धर पकड़ बीच-बीच में करती रहती है। लेकिन हैरत की बात यह है कि शहर में बढ़ते गांजे के कारोबार के बावजूद पुलिस महकमा व आबकारी विभाग गांजा बिक्री करने वाले माफियाओं पर कार्रवाई नहीं कर सकी, जिसके कारण नशा कारोबारी बेखौफ होकर चिलमबाजों को आसानी से यह नशे का जहर उपलब्ध करा रहे है।

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